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मनाय द्वारा उत्पन्न किये हुए मोतियों की माला ।)
जापान में मोतियों की खेती
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लेखक---श्रीयुत नलिनी सन धनिक वैज्ञानिक प्रयोगों द्वारा जापान यदि कोई बंद सीप के मुंह में चली जाती है तो वही माती में मोनियों का उत्पन्न करना वस ही बन जाती है। यद्यपि यह बात सत्य नहीं है. तथापि यह सम्भव हो गया है. जब हम लोग सत्य कथा की ग्रोर इशारा करती है। चाम्नविकता यह है धानबाजग वान है। यह न सम कि जब कोई भी विजातीय द्रव्य सांप के मद में चला जाता झिार कि जापानी लोग ये माती है नव दमके भीतर एक प्रका. का दर्द या जलन पैदा
आचम दङ्ग से बना है और ये होती है और उसके शरीर में एक प्रकार का नाम पदार्थ नकलता है। ये माती वैसे ही वास्तविक और मूल्यवान् निकलकर उम विजातीय द्रव्य कोटक लेता है। मग्न हति है न कि प्राकृतिक मोती होन है। याद 'दानी में दाने पर वही मोती बन जाता है। श्रीयुत (मकामटी ने अन्तर है ना केवल इतना ही कि व. प्रकन उत्पन्न करती हम याकस्मिक घटना को एक क्रमबद्ध नियामन वैज्ञानिक है और दसरा मनाय का हाथ:
रूप देकर सीपी से मोती उत्पन्न करना सवथा मनु'य के जापान के मोती मकामोटी के मानी कहलान यश की बात बना दिया है। इस प्रकार जो मोती उत्पन्न है। यह नाम इमाला पड़ा क इस प्रकार वैज्ञानिक दङ्ग होते हैं वे प्राकृतिक मोतियों से किमा यात महीन नहीं से मोती उत्पन्न करने की विद्या का वहाँ इसी नाम के एक होते । इतना ही नहीं. उनमें और भी कतिपय विशेषता व्यांन ने अाविष्कार किया है। उन महाशय का एग नाम या जाती हैं। श्रीयुत का चिनी मकामाटी है। गोकाशी की खाड़ी मे मिकीमोटो के इन ग्यता में जा माती पाले जान है व लेकर पलायो द्वाप नक फैले हुए उनके पाट बड़े बड़े जब नार वर्ष के हो जाते है तब वे अाधानक चीर पाद समदी खता है, जिनमें ये मोती उत्पन्न किये जाने हैं। इन कमिदानी कं. अनमार बंद कौशल चार जाते हैं - वती का क्षेत्र फल लगभग ४५.००० एकड़ है। इन बनाउनमें जलन पैदा करनेवाले छांटछाट विजातीय द्रव्य
कम प्रकार माना उत्पन्न किये जाते हैं. यह कार्य । के कगा प्रवष्ट कर दिये जाते है। यह क्रिया हो जाने के माम और अदभूत कथा के ही समान चित्ताकर्षक है। पश्चात मी तार के पंजड़े में रख कर मन्द्र । डान
मान सपन्न कम होते हैं। यह यहां बनाने की दी जाती है ताकि शो में उनकी जा सके। यावश्यकता नही है। हमारे देश में एक कथा प्रचलित पिंजद समद्र के पानी के अन्दर बई किये गये लकड़ी के है कि जब स्वाति नक्षत्र में पानी बरसता है तब वर्षा की खामों के सहारे रख जात है। मा इमला किया जाता
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