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विषय
मंगलाचर
देव पूजित शिव स्थान
प्रासाद की जाति
पाठ जाति के उत्तम प्रासाद
प्रासाद का निर्माण समय भूमि परीक्षा
वास्तु मंडल लिखने का पदार्थ
पाठ दिक्पाल
कार्यारंभ के समय पूजनीय देव
निषेध समय
वत्समुख भाप भादिका विचार
देवालय में विचारणीय
प्राय व्यय और नक्षत्र लाने का प्रकार
बायों की संज्ञा चीर दिशा
प्रासाद के प्रशस्त आय व्यय संज्ञा
राशि, योनि, नाडी, गण, जानने का पद चक्र ध्वजाय और देवगण नक्षत्र वाले
समोरस क्षेत्र का नाप
अंश लाने का प्रकार दिक् साधन दि साधन मंत्र बात दिपि
चंद्रमा प्राषि
नाम वास्तु राह (नाग) मुख
कूर्ममान
अपराजित के मत से कूर्म मान क्षीराव के मत से मान कूर्म का ज्येष्ठ और कनिष्ठ मान
विषयानुक्रमणिका
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faer और कूर्म का स्थापन कम
शिला के नाम
धरणी शिला का मान
धरणी शिला ऊपर के रूप
सूत्रारंभ नक्षत्र
जिला स्थापन नक्षत्र
देवालय का निर्माण स्थान
प्रासाद निर्माण पदार्थ
देव स्थापन का फल
देवालय बनाने का फल
वास्तु पूजा का सप्त स्थान
शान्ति पूजा का चौदह स्थान
प्रासाद का प्रमाण
मण्डोवर के परों का निर्म
प्रासाद के अंगों की संख्या
फालनाओं का सामान्य मान
दूसरा अध्याय
जगती
जगी का साकार
जगति का विस्तार मान
मण्डप की जगती
भ्रमणी (परिक्रमा)
जगती के कोने
जगती की ऊंचाई का मान
×
जगती के उदय का पर मान
१५.
जगती के धा
१६..... जयसी का दिग्दर्शन रेखाचित्र
१६ देव के वाहन का स्थान
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देव के वाहन का उपय
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देव के वाहन का दृष्टि स्थान
: : :
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