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त्रिपुरुष प्रासाद में ब्रह्मा विष्णु और महादेव ये तीनों देव एक ही गर्भगृह में या शलग २ गर्भगृह में स्थापित करना हो तो महादेव से म्यून विष्णु और विष्णु से न्यून ब्रह्मा को ऊंचाई रखनी चाहिये । महादेव से एक भाग न्यून विष्णु और विष्णु से साधा भाग म्यून ब्रह्मा को
ऊंचाई रखनी चाहिये । मध्य में महादेव, उसकी बायीं ओर विष्णु और दाहिनी ओर ब्रह्मा . को स्थापित करने से राजा और प्रजा का कल्याण होता है । विष्णु और ब्रह्मा की ऊंचाई से महादेव की ऊंचाई कम हो तो राजामों का विनाश और मनुष्यों का मरण होता है। ब्रह्मा
और विष्णु को ऊंचाई बराबर हो तो देश में उत्पात और राजानों का युद्ध होता है। ब्रह्मा को ऊंचाई से विष्णु की ऊंचाई कम हो तो अनावृष्टि और मनुष्यों में महामारी आदि रोग की उत्पत्ति होती है। इसलिये कहे हुए मानके अनुसार ही इन्हें बनाना चाहिये, विपरीत करने से राजा और प्रजा अस्वस्थ रहते हैं ।
इति श्री पं० भगवानदास जैन विरचित प्रासाद माउन के दूसरे अध्याय की सुबोधिनी नाम्नी भाषा टीका समाप्त ||२||
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