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सप्तमोऽध्यायः
अपराजित पृच्छा सूत्र १८० में विशेषरूप से कहा है कि
jai के एक चौकी वाला सुभद्र १, तीन चौकी वाला किरीटीर, तीन बोको के श्रागे एक चौको, ऐसा चार चोको वाला हुंदुभी ३, तीन २ चौकी को दो लाईन, ऐसा यह वाला प्रान्त ४, छह चौकी के आगे एक चौकी ऐसा सात चौकी वाला मनोहर कामद ५,
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