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शुद्धि-पत्रक
पृष्ठ लाईन १३ १३
अशुद्ध गुणी विश्वकम पासाद प्रोर ऽस्ताव
शुद्ध वगुणी विश्वकर्म प्रासाद और यस्ताद बेदाचे
१०२
कुमा
दव
पृष्ठ लाईन अशुद्ध शुख
१३ प्राधादिषु प्राण्यादिषु १११७.१३,१६-२३, इन चारों क्षेत्र के माप में
२०.१६, २१-२३, देवगण मचा नहीं मिलता १२ २२ विमुखे विमुखे .. २३ १५ कुमा
पंस साधत: सार्थतः मूमणीमई भ्रमणीनी यो । को दो भाग की सदूध्दतः सर्वतः दिगविशति विधिशक्ति पादांच
पादास মায়া মনিং सूर्धाधः मूर्धा: काँगका कणिका
समाबें चतुविशति पविशति 18 उदयक ने उदय करने
छाघसस्थाने छाघसस्थाने fभाग
करतो करें हो
जमाव .एसौनी एक एक घंटो भद्राच
मनाई सामों যদিম विस्तर विस्तरा: अपराजिप्रपृच्छा अपराजिता
समुद्धरेद गया हो गया हो
१४६
. ४५: * * . . * * , * * १ . ५ . ** - २ :
समुखरेत
बवावें
सम्मोः कतं व्या वाहिनी और
सम्भोः कसंध्या दाहिनी ओर
गर्भ
गर्म
गर्भ
गर्भ
१५२
भोषाह
भोपपह कुंबसिदि मागत: अधिक
मान उन्छयेरा विखण्डत हस्तानल प्रकीसित बजार
না उच्च बेश त्रिखण्डात हस्ताङ्गल प्रकीत्तितः भवनादेड
मार्ग: अधिक काशका कोशीया उचङ्ग मार्ग
कोलीमों
६३
१२
१७५
१६
भामा