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HTRARAMAassassince
सोमाली ती,
प्र मोद मा प र भ पु. मंडोवर का दूसरा पर, कलश । कपोनिका केभान पर।
कुम्भिका रूमी. स्तंभ के नीचे की कुंभी। कर पु. हस्तनक्षत्र, हाथ ।
कुलतिलका स्त्री. पाचहीं संवरमा । करोटक पू, गुं
कंटछाछ म. सज्जा कर्ण न, कोना, पट्टी, सिंहको
कूर्म पु. होना चांदी का कममा, ओ मीथ में रखा कर्णक न, कणी, जो घरों के अपर नीचे पट्टी रखी जाती है।
कर्मशिला स्त्री. कमाए के पियासी पारधी शिला । करणेगूढ पु. खोपा हुया कोना, बंद कोना ।
केसरिन् पु. पांच गाला प्रासाद ।
कैलास पु. कैसरी पाति का पारडई और शम्म करणेदर्दरिका स्त्री. गुंबज के उदय में मीचला पर। कर्णसिंह पु. प्रासाद के कोने पर रखा हुमा सिंह।
जाति का ठारहवां प्रासाद । काली स्त्री. कणी, आयमा के कार का घर।। करिएका स्त्री. घरों के अपर नौधे की पदी, छोटा कोटि स्त्री रोड संख्या, रेखा की एक भुजा
कोना, कोणा और प्ररण के बीच में कोसी को कोट पु. हिला, दुगे । फालना।
कोल न. गुबर के रक्ष में गतालु पर के ऊपर का कर्म न. समुह वाचक, भूगों का समुह । कला पु, मदोवर को तीसरा पर, शिखर के कार कोविद पु. पंडित, मामी । रखा हुमा कलश ।
कोष्ठागार न. कोठार। कलशाकम. कलश का पेट ।
क्षण न, खंड, विभाग। कला स्त्री. रेखा विशेष, सोलडकी संख्या ।
शिति स्त्री. पाटका देवता, पृथ्वी। कलास पृ. सोलह कोना।
क्षितिवल्लभ पु. राज्य मासिका सोलहवां प्रासाद । कषाय पु. पौषधि विशेष
लिस न. लटकती हुई पत। कास्य म.कोसा, धातु विशेष ।
क्षीरम.एष। कामदपीठ न, गमावि रूपयरों से रहिस पीठ। क्षीराव पृ. समुद्र, वास्तुबन्ध विशेष, कारा स्त्री, जेल
क्षेत्र, प्रासादतम। काल पु. दातुष, समय ।
क्षेत्रपाल पु. अमुक मोटिस भूमिका देव । कालन्दी स्त्री, यमुना देवी।
क्षोभरणा स्त्री. कोनी काष्ठ म. लकड़ो। किसुर . किन्नरदेव, पुष्पक के देव ।
खण्ड पु. विभाग, मंजिन, खांड। कोतिवक्त्र न. पासमुख ।
स्वर पु.ट्टा पाय. कोसिस्तंभ पु. विजयस्तंभ, दोरणयाने स्तमा खरशिला स्त्री. जगती के वाया के कार और भौट कोलक न. कोल, 'er
के भी बनी हुई प्रभाव को पारण करनेवाली कुज पु. भगवग्रह।
शिला। कुञ्चिता रुषो. प्रासादमाग के माम को कोली खल्वशाखा स्त्री. बार की मव शाखामों में पोषी पौर
पाठवीं शाखा कुबेर पु. उत्तर दिशा का दिसाम। ' स्वावम. मकान की मोंक।
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