Book Title: Panchsangraha Part 07
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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( ३२ )
२८२
२८४
२८६
३
गाथा १८, १६
२८१-२८३ अनुभाग उद्वर्तना-अपवर्तना का संयुक्त अल्पबहुत्व गाथा २०
२८३-२८५ काल और विषय का नियम परिशिष्ट
सं.म आदि करणत्रय-प्ररूपणा अधिकार की मूल गाथाएँ गाथाओं का अकारादि अनुक्रम
२६८ प्रकृतिसंक्रम की अपेक्षा आयु व नामकर्म के अतिरिक्त ज्ञानावरणादि छह कर्मों के संक्रमस्थानों की साद्यादि प्ररूपणा ३०२ प्रकृति....छह कर्मों के पतद्ग्रहस्थानों की साद्यादि प्ररूपणा ३०४ प्रकृति....मोहनीय कर्म के संक्रमस्थानों में पतग्रहस्थान
३०६ प्रकृति....पतद्ग्रह प्रकृतियों की साद्यादि प्ररूपणा प्रकृति-संक्रम्यमाण १५४ प्रकृतियों के संक्रमस्वामी प्रकृति....संक्रम्यमाण १५४ प्रकृतियों के संक्रम की साद्यादि प्ररूपणा ३१४ प्रकृति....मोहनीय कर्म सम्बन्धी पतद्ग्रहस्थानों में संक्रमस्थान । ३१६
(क) अश्रेणिगत पतद्ग्रहस्थानों में संक्रमस्थान (ख) उपशमश्रेणिवर्ती उपशम सम्यग्दृष्टि
३२० (ग उपशमश्रेणिवर्ती क्षायिक सम्यग्दृष्टि
३२४ (घ) क्षपकश्रेणि
३२६ प्रकृतिसंक्रम की अपेक्षा नामकर्म के पतद्ग्रहस्थानों में संक्रमस्थान ३२८. प्रकृतिसंक्रम की अपेक्षा नामकर्म के संक्रमस्थानों में पतद्ग्रहस्थान ३३५ स्थितिखण्डों की उत्कीरणा विधि का प्रारूप
३४० उत्कृष्ट-जघन्य स्थिति संक्रम यत्स्थिति प्रमाण एवं स्वामी दर्शक प्रारूप 1 अनुभाग संक्रम प्रमाण एवं स्वामित्व दर्शक प्रारूप प्रदेशसंक्रम स्वामित्व दर्शक प्रारूप विध्यात आदि पंच प्रदेश संक्रमों में संकलित प्रकृतियों की सूची 13
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