Book Title: Panchsangraha Part 07
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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समयोन आवलिका । नौवां । उप.श्रेणी क्षायिक सम्यक्त्वी अप्रं. प्रत्या. | द्विक
मान उपशांत होने पर , उप. सम्यक्त्वी अप्र. प्रत्या. माया
उपशांत होने पर अन्तर्मुहूर्त ,,,, क्षायिक सम्यक्त्वी संज्व. मान उपशांत
होने पर समयोन आवलिका , ,, द्विक
क्षपक श्रेणि हास्यषट्क का क्षय होने पर अन्तर्मुहूर्त
उपशम श्रेणि उप. सम्यक्त्वी संज्व. माय।
। के उपशांत होने पर अन्तर्महर्त
क्षपक श्रेणि पुरुषवेद का क्षय होने पर समयोन आवलिका नौवां उप. श्रेणि क्षायिक सम्यक्त्वी अप्र. प्रत्या. द्विक
माया उपशांत होने पर __ अन्तर्मुहूर्त
क्षपक श्रेणि संज्व. क्रोध का क्षय होने पर नौवां उप. श्रेणि उप. सम्यक्त्वी अप्र. प्रल्या. दसवां
लोभ उपशांत होने पर ग्यारहवां नौवां उप. श्रेणी क्षायिक सम्यक्त्वी संज्व. माया
उपशांत होने पर अन्तर्मुहूर्त ,, क्षपक श्रेणि संज्वलन मान का क्षय
होने पर
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परिशिष्ट : ५
पंचसंग्रह भाग : ७ | ३११