Book Title: Panchsangraha Part 07
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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परिशिष्ट : ५
प्र.
१२ २१
प्र.
अन्तर्मुहूर्त
पंचसंग्रह भाग : ७ | ३१० । क्षपकणि नपु वेद का क्षय होने पर उप. श्रेणि क्षायिक सम्यक्त्वी पु. वेद
उपशांत होने पर
,
२१
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समयोन आवलिका द्विक अन्तर्मुहूर्त
१० प्र.
,, उप. सम्यक्त्वी संज्व. क्रोध उपशांत
होने पर क्षपक श्रेणि स्त्रीवेद के रहते ।
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समयोन आवलिका द्विक
६
प्र. ३ प्र. : २१
,,
प्र. . ४ ,,
२८/२४
उप. श्रेणि, क्षायिक सम्यक्त्वी अप्र. प्रत्या
क्रोध उपशांत होने पर ,, , उप. सम्यक्त्वी अप्र. प्रत्या. मान
उपशांत होने पर नौवां ,, उप० श्रेणी, क्षायिक सम्यक्त्वी संज्व.
क्रोध उपशांत होने पर
,,
२१ प्र.
अन्तर्मुहुर्त समयोन आवलिका
२१
"
द्विक
,, उप. सम्यक्त्वी संज्व. मान के रहते
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२४/२८ ॥ २४/२८ ,,
,
अन्तर्मुहूर्त समयोन आवलिका द्विक