Book Title: Panchsangraha Part 07
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur

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Page 355
________________ पंचसंग्रह भाग ७ : परिशिष्ट ६ प्रकृति संक्रमापेक्षा मोहनीय कर्म सम्बन्धी (क) अश्रेणिगत पतद्ग्रह पतद्ग्रह थान पतद्ग्रह प्रकृतियां, संक्रमस्थान संक्रम प्रकृतियाँ २७ प्रकृ. २२ प्रकृतिक मिथ्यात्व, १६ कषाय, १ वेद, १ युगल, भय, जुगुप्सा मिथ्यात्व बिना मिथ्यात्व, सम्य. मोह २६ ,, बिना मिथ्यात्व, अनंतानुबंधि बिना २१ प्रकृ. | मिथ्यात्व रहित पूर्वोक्त | २५ ,, २५ दर्शनत्रिक विना १६ प्रकृ. २५ कषाय, मिथ्यात्व १२ कषाय, पुवेद, भय, | जुगुप्सा, एक युगल, सम्य. मोह , मिश्रमोह. २५ कषाय मिश्र, मिथ्या. अनं. रहित २१ कषाय, मिश्र मोह, मिथ्यात्व १८ प्रकृ. २१ कषाय, मिश्र. १२ कषाय, वेद, भय, | २२ जुगुप्सा, १ युगल, सम्य. १७ प्रकृ. २५ १२ कषाय, पुवेद, भय, | जुगुप्सा , १ युगल २५ कषाय | २१ कषाय (अन. रहित) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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