Book Title: Panchsangraha Part 07
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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परिशिष्ट : ४
पंचसंग्रह भाग : ७ | ३०४ प्रकृति संक्रम की अपेक्षा आयु और नामकर्म के अतिरिक्त ज्ञानावरणादि छह कर्मों के पतद्ग्रह
स्थानों की साद्यादि प्ररूपणा
कर्मनाम
पतद्ग्रह स्थान
सादि
अध्रुव
अनादि
ध्रुव
ज्ञानावरण
[ ५ प्रकृतिक
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दर्शनावरण
६ प्रकृतिक
| उपशांतमोहगुण. भव्यापेक्षा (उपशांतमोहगुण अभव्या से गिरने पर
स्थान अप्राप्तापेक्षा- पेक्षा छह के बंध सेनौ
अत्यक्तमिथ्यात्वी बंधापेक्षा कादाचित्क होने कादाचित्क होने
६ प्रकृतिक
४ प्रकृतिक १ प्रकृतिक
"
सातावेदनीय
अध्र वबंधित्वा- अध्र वबंधित्वापेक्षा
पेक्षा
X XXXX
XXXXX
"
असातावेदनीय । १ प्रकृतिक मोहनीय २२ प्रकृतिक
कादाचित्क होने कादाचित्क होने
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