Book Title: Panchsangraha Part 07
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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२२ प्र.
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साधिक तेतीस सागर चौथा । अनन्ता.चतुष्क की विसं
। योजना करने वाला
क्षयो० सम्यक्त्वी देशोन पूर्व कोटि पांचवां
छठा, सातवां,
- आठवाँ | अन्तर्मुहूर्त । नौवां
उप० सम्य० उप० श्रेणि
। अन्तरकरण करने तक चौथा
क्षायिक सम्यक्त्व प्राप्त
: करता क्षायो० सम्यक्त्वी पांचवाँ छठा, सातवाँ नौवां
उप० श्रेणि उप० सम्यक्वी अन्तरकरणवर्ती नपु० वेद का उपशमन होने तक
वेदक सम्यक्त्वी साधिक तेतीस सागर
क्षायिक , अन्तर्मुहूर्त
पांचवां | देशोन पूर्व कोटि
क्षायिक , पंचसंग्रह भाग : ७ | ३०७
0
२१ प्र.
१७
चौथा
१३
वेदक
॥
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परिशिष्ट : ५