________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३७
प्रवचन-३ करनेवाले धनवान बन जाते हैं? जिसका पुण्यकर्म उदय में होता है वह कमाता है! पुण्यकर्म उदय में नहीं हो और लाख झूठ बोले, तो एक पैसा नहीं कमाएगा और कमाना तो दूर, जो होगा वह भी गवाँ देगा! पुण्यकर्म के सहारे के बिना पापकार्य भी सफल नहीं हो सकते! पुण्योदय नहीं होगा और चोरी करने जाएगा, तो पकड़ा जाएगा और जेल में बंद हो जाएगा! पूर्वसंचित पुण्यकर्म के उदय से ही सुख मिलता है | पापों से तो नया पापकर्म बंधता है |
पुण्यकर्म धर्म से ही बंधते हैं | 'कर्मसिद्धान्त' पढ़े हो? कर्मों का बंध आत्मा के साथ किस प्रकार होता है, कर्मों का उदय कब आता है? कर्मों के प्रकार कितने? कर्मों का संक्रमण-'ट्रांसफोर्मेन' कैसे होता है? कर्मों का क्षय, नाश कैसे किया जा सकता है? ये सारी बातें जानते हो? किया है कर्म-फिलोसॉफी का अध्ययन?
सभा में से : आप करवाइए अध्ययन, हम करेंगे! महाराजश्री : आप लोगों को वास्तव में अध्ययन करना है तो मैं अवश्य करवाऊँगा। नाइटक्लास-रात्रिवर्ग शुरू करेंगे। परन्तु हाँ, अध्ययन करना पड़ेगा। मात्र प्रवचन सुनकर चले जाओगे, यह नहीं चलेगा! नोट्स लिखनी पड़ेगी, तैयारी करनी पड़ेगी। रात्रि वर्ग में नियमित आना पड़ेगा, समयसर आना पड़ेगा, बोलो, है कबूल?
सभा में से : हम लोग तैयार हैं!
महाराजश्री : कितने? कम-से-कम पचास पुरुष चाहिए, तो मेरे समय का सदुपयोग हो सके। आप प्रयत्न करें, अपने शुरू करेंगे तत्त्वज्ञान-वर्ग | जब तक 'आत्मा' और 'कर्म' को नहीं समझेंगे, तब तक धर्म को भी नहीं समझ पायेंगे। अनादिकाल से आत्मा कर्मों के बँधनों से बँधी हुई है, कर्मों के आवरणों से आवृत्त है। धर्म से, धर्म की वृत्ति और प्रवृत्ति से हमें आत्मा को निर्बंधन... कर्ममुक्त करना है। धर्म से आत्मा मुक्त बन सकती है, इसलिए तो ग्रन्थकार ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि 'धर्म मोक्ष भी देता है!'
एक प्रकार के धर्म से पुण्यकर्म बंधते हैं, एक प्रकार के धर्म से पापकर्म और पुण्यकर्म नष्ट होते हैं! जैसे पुण्यकर्म के उदय से भौतिक सुख मिलते हैं वैसे कर्मों के क्षय होने से आध्यात्मिक सुख मिलते हैं! ज्यों-ज्यों आत्मा पर लगे हुए कर्मों का नाश होता जाता है, त्यों-त्यों आत्मा का-स्वयं का स्वाधीन सुख प्राप्त होता जाता है। पुण्यकर्म के उदय से जैसे स्वर्ग मिलता है, वैसे पापकर्म और
For Private And Personal Use Only