________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
प्रवचन-१०
___ १२६
होता है न मन में? मान लो कि आपकी इच्छा के अनुरूप दान मिल गया, आपको घरवालों का भय लगता है न? यदि घरवालों को मालूम पड़ गया कि मैं इतने रूपये ले आया हूँ तो वे लोग मुझे परेशान करेंगे...इसलिए सच नहीं कहूँगा।' यह क्या है? भय!
वैसे तपश्चर्या करने का अवसर आया, क्या होता है? उल्लास या खिन्नता? परोपकार करने का प्रसंग आता है, क्या होता है मन में? उत्साह या खेद? कोई भी धर्मप्रवृत्ति होगी, उसमें सुख का त्याग करने की बात होगी! उन दो बातों में भय, द्वेष और खेद से आपका मन मुक्त बना हुआ होगा तो ही धर्मआराधना में आनन्द आएगा।
किसी भी धर्म-आराधना में आपका चित्त स्थिर बना रहता है? क्यों स्थिर नहीं रहता? मन में भय है! भय ही चंचलता, अस्थिरता पैदा करता है। जब तक आपका मन किसी न किसी भय से आक्रान्त है तब तक आप स्थिरता नहीं पायेंगे। परमात्मा के नाम की एक माला भी स्थिर चित्त से नहीं फेर सकेंगे।
सभा में से : ऐसा ही होता है! हाथ माला फेरता है और मन विषयों में फिरता है। ___ महाराजश्री : जब तक अ-भय नहीं बनोगे तब तक यही स्थिति बनी रहेगी। जब तक विषयस्पृहा बनी रहेगी तब तक भय बना ही रहेगा। भय से चंचलता और चंचलता से धर्म-आराधना में विक्षेप पड़ेगा! इसलिए कहता हूँ कि दृष्टि में आमूल परिवर्तन करो। वैषयिक दृष्टि को बदल दो, आत्मदृष्टि खोल दो। आत्मदृष्टिवाला मनुष्य ही आत्मशक्ति पाता है। आत्मशक्ति ही मनुष्य को अभय बनाती है। आपको मांडवगढ़ के महामंत्री पेथड़शाह का व्यक्तित्व इसलिए बता रहा हूँ | वे एक ऐसे ऐतिहासिक महापुरुष हो गए कि उनके उच्चतम व्यक्तित्व ने मुझे काफी गहराई तक प्रभावित किया है। उनका आन्तरव्यक्तित्व बड़ा अद्भुत था। महामंत्री के पद पर आसीन होने पर भी उनको सत्ता का मोह नहीं था, गर्व नहीं था। स्वर्णसिद्धि होने पर भी संपत्ति का गर्व नहीं था, आसक्ति नहीं थी। सुन्दर निरोगी देह होने पर भी विषयवासना नहीं थी। यौवन का उन्माद नहीं था! विलक्षण राजपुरुष होने पर भी राज्य
और राजा के प्रति पूर्ण निष्ठावान थे। सौन्दर्य भरपूर और स्नेहसभर पत्नी होने पर भी वे ब्रह्मचर्य के उपासक रहे! ऐसा व्यक्तित्व होने से वे सदैव अभय रहे, अद्वेषी रहे और अखिन्न रहे। हाँ, संकट भी आए थे उनके जीवन में, संकट में भी वे भयाक्रान्त नहीं बने। अपराधी के प्रति भी द्वेषवाले नहीं बने। खिन्न, निराश या विवश नहीं बने ।
For Private And Personal Use Only