Book Title: Dhammam Sarnam Pavajjami Part 1
Author(s): Bhadraguptasuri
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 302
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रवचन-२२ २९४ महामोह से तो जीवन में राग-द्वेषजन्य घोर वेदना ही है। अहंकारजन्य आनन्द आनन्द नहीं होता है, आनन्द का मात्र आभास होता है। ममकारजन्य आनन्द आनन्द नहीं होता है, आनन्द का मात्र आभास होता है। अहंकार-ममकार और तिरस्कार की त्रिपुटी : अहंकार और ममकार के साथ तिरस्कार की मित्रता हो जाती है तब वह त्रिपुटी मनुष्य का सर्वतोमुखी पतन करती है। जमाली भगवान महावीरदेव के जमाई थे और परमात्मा के चरणों में दीक्षा ली थी-यह बात आप लोग जानते हो न? जमाली राजकुमार थे। दीक्षा लेने के बाद उन्होंने अच्छा ज्ञान संपादन किया था। परन्तु वह मात्र श्रुतज्ञान था, श्रुतज्ञान आत्मज्ञान नहीं बन पाया था। जब तक श्रुतज्ञान यानी शास्त्रज्ञान आत्मसात् नहीं बने तब तक उस त्रिपुटी का खतरा बना रहता है। अहंकार, ममकार और तिरस्कार! जमाली मुनि के भीतर यह त्रिपुटी बैठी हुई ही थी। निमित्त मिल गया और त्रिपुटी ने मुनि के मन पर धावा बोल दिया । भगवान महावीर ने सिद्धान्त बताया था कि 'जो काम होता हो, वह काम हो गया...ऐसा व्यवहार में बोला जा सकता है। जमाली मुनि जब बीमार पड़ गये, शिष्य साधु रात्रि में जब उनका संस्तारक बिछाते थे, जमाली ने पूछा : 'क्या संस्तारक बिछा दिया?' मुनियों ने कहा : 'जी हाँ, संस्तारक हो गया है, पधारें।' जब जमाली सोने को गए, उन्होंने देखा तो संस्तारक बिछाया जा रहा था! शरीर अस्वस्थ था, जमाली असहिष्णु बन गए थे। उनको गुस्सा आ गया! 'संस्तारक तैयार नहीं हुआ है, फिर भी आप लोगों ने असत्य बोला...'संस्तारक हो गया है।' क्या आप लोगों ने अपने दूसरे महाव्रत का भंग नहीं किया? __ मुनियों ने शान्ति से जमाली मुनि का आक्रोश सहन किया, परन्तु प्रत्युत्तर जरूर दिया! 'भगवान महावीर प्रभु ने कहा है कि 'कड़ेमाणे कड़े' जो कार्य होता हो वह कार्य हो गया, ऐसी व्यवहार-भाषा बोली जा सकती है।' ___ जमाली मुनि का अहंकार उछल पड़ा : 'गलत बात है, जो कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है, उसको 'पूरा हो गया,' ऐसा बोलना क्या सत्य है? कार्य पूरा हो जाने पर ही 'कार्य हो गया' ऐसा बोला जा सकता है। 'कड़ेमाणे कड़े' नहीं, 'कड़े कड़े' बोलना चाहिए।' For Private And Personal Use Only

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