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२५८
२८५.
आप्तपरीक्षा-स्वोपशटीका
विषय सौत्रान्तिकोंके मतका आलोचन यौगाचारमत और उसका आलोचन
२३४ संवृत्तिसे सुगतको विश्वतत्त्वज्ञ और मोक्षमार्गोपदेशक मानने में भी दोष
२३७ संवेदनाद्वैतकी समालोचना
२३९ चित्राद्वैतका समालोचन
२५७. ६. परमपुरुष-परीक्षा
२५८-२७३. परमपुरुषके सर्वज्ञत्व और मोक्षमार्गोपदेशकत्वकी असम्भवता प्रतिभासमात्रको अनेकविध मीमांसा
२५९ ७. अर्हत्सर्वज्ञसिद्धि
२७२-३१६ प्रमेयत्वहेतुसे सामान्यसर्वज्ञकी सिद्धि
२७२ सर्वज्ञाभाववादी भट्टका मत भट्टके मतका निराकरण
२९० बाधकाभावसे अर्हत्सर्वज्ञसिद्धि
२९५ प्रत्यक्ष सर्वज्ञका बाधक नहीं है
२९९ अनुमान सर्वज्ञका बाधक नहीं है उपमान सर्वज्ञका बाधक नहीं है अर्थापत्ति सर्वज्ञकी बाधिका नहीं है आगम सर्वज्ञका बाधक नहीं है
अभाव भी सर्वज्ञका बाधक नहीं है ८. अर्हत्कर्मभूभुभेतृत्वसिद्धि
३१७-३३३. आगामि और संचितके भेदसे दो तरहके कर्मोंका प्रतिपादन संवर और निर्जराद्वारा उक्त कर्मोंके अभावका प्रतिपादन कर्मोंका स्वरूप और उनके द्रव्यकर्म तथा भावकर्मके भेदसे दो भेदोंका कथन नैयायिक और वैशेषिकोंके कर्मस्वरूपकी मान्यताका समालोचन
३२८ सांख्योंके कर्मस्वरूपकी समीक्षा
३२९.
२९९. ३०२ ३०४ ३०९ ३१०.
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३१९
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