________________
कारिका १०, ११] ईश्वर-परीक्षा यतोऽसौ व्यवस्थाप्यते।
७१. ननु चाशरीरत्वसशरीरत्वयोर्मोक्षप्रणीति प्रत्यनङ्गत्वात्तत्त्वज्ञानेच्छाप्रयत्ननिमित्तत्वात्तस्याः कायादिकार्योत्पादनवत, तन्मात्रनिबन्धनत्वोपलब्धेः कार्योत्पादनस्य । तथा हि-कुम्भकारः कुम्भादिकार्य कुर्वन्न सशरीरत्वेन कुर्वीत, सर्वस्य सशरीरस्य कुबिन्दादेरपि कुम्भादिकरणप्रसंगात्। नाप्यशरीरत्वेन कश्चित्कुम्भादिकार्यं कुरुते, मुक्तस्य तत्करणप्रसंगात । कि हि ? कार्योत्पादनज्ञानेच्छाप्रयत्नैः कुम्भकारः कुम्भादिकार्यं कुर्वन्नुपलभ्यते तदन्यतमापायेऽपि तदनुपपत्तेः । ज्ञानापाये कस्यचिदिच्छतोऽपि कार्योत्पादनादर्शनात् । कार्योत्पादनेच्छाऽपाये च ज्ञानवतोऽपि तदनुपब्धेः । तत्र प्रयत्नापाये च कार्योत्पादनज्ञानेच्छावतोऽपि तदसम्भवात् । ज्ञानादित्रयसद्भावे च कार्योत्पत्तिदर्शनात् तत्त्वज्ञाने
पित किया जाय । अर्थात् जब वह परीक्षाकी कसौटीपर स्थित नहीं होता तब उसकी व्यवस्था-सिद्धि कैसे हो सकती है ? अर्थात् नहीं हो सकती।
७१. शङ्का-देहरहितपना और देहसहितपना ये दोनों मोक्षमार्गके प्रणयनमें कारण नहीं हैं, उसमें तो तत्वज्ञान, इच्छा और प्रयत्न ये तीन निमित्तकारण हैं, जैसे शरीरादिकार्यको उत्पत्ति उक्त तीनोंके निमित्तसे होती है, किसी एकमात्रसे शरीरादिक कार्यकी उत्पत्ति उपलब्ध नहीं होती। तात्पर्य यह कि कुम्हार घटादिक कार्यको करता है तो वह सशरीरी होनेसे नहीं करता, अन्यथा सभी देहधारी जलाहा आदिक भी घटादि कार्यके करनेवाले हो जायेंगे। और न वह अशरीरीपनेसे घटादिक कार्यको करता है नहीं तो मुक्त जीव भी घटादिकके करनेवाले माने जायेंगे। तो फिर वह किस तरह घटादिक कार्योंको बनाता है ? इसका उत्तर यह है कि वह कार्यके उत्पादक ज्ञान, इच्छा और प्रयत्न इन तीनके द्वारा घटादिक कार्योंको बनाता हुआ उपलब्ध होता है। अगर उनमेंसे एक भी न हो तो घटादिक कार्य उत्पन्न नहीं हो सकता । किसोको इच्छा रहनेपर भी ज्ञानके अभावमें कार्य हो उत्पत्ति दृष्टिगोचर नहीं होतो और ज्ञान होते हुए भी कार्यके उत्पन्न करनेकी इच्छा न होनेपर कार्य नहीं होता और ज्ञान तथा इच्छा दोनों भी हों लेकिन प्रयत्न न हो तो भी कार्यकी उत्पत्ति सम्भव नहीं है। किन्तु ज्ञानादि तोनोंके होनेपर कार्यकी उत्पत्ति देखी जाती है।
1. द 'न तन्मात्रनिबन्धनत्वोपलब्धिः कार्योत्पादस्य' ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org