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अपने जीवन को देखो और अपने ही मन से बात करो, तो पता चल जाएगा कि तुम्हारा अगला जीवन क्या बनने वाला है ? हमें कई लोग मिलते हैं और पूछते हैं कि अगले जन्म में हम क्या बनेंगे ? मैं उन्हें उत्तर देता हूँ तीन जन्मों को जानने के लिए तो किसी सर्वज्ञ की आवश्यकता नहीं है। और जब ऐसी बात कहता हूँ तो लोग कहते हैं- सीमंधर स्वामी से पूछने से पता चल सकता है ? किन्तु मैं कहता हूँ- सीमंधर स्वामी के भी पास जाने की क्या जरूरत है ? वह जो कहेंगे, कर्मों के अनुसार ही कहेंगे । कोई नवीन बात क्या कहनी है ? जो महावीर कह गये हैं, वही सीमंधर स्वामी भी कहेंगे । आखिरकार वहाँ भी विश्वास रखना पड़ेगा । भगवान् महावीर ने मनुष्य, तिर्यंच, देव और नारक बनने के कारण बतला दिये हैं । अब उसमें कोई नयी बात जुड़ने वाली नहीं है । इस प्रकार मनुष्य को अपने तीन जन्मों का पता लगाने में तो कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए ।
तुम अपने पहले के जीवन को देखो, जो पहले करके आए थे, उसी के अनुरूप यहाँ मिल गया। जिसने पहले कुछ नहीं किया, उसे यहाँ
- कुछ नहीं मिला और जो यहाँ कुछ नहीं कर अच्छे कर्मों का
रहा है, उसे आगे कुछ मिलने वाला नहीं है। अच्छा फल मिलेगा
इस प्रकार तीन जन्मों के पुण्य-पाप की और बुरे कर्मों का
कहानियाँ तो यहीं मौजूद हैं । उन्हें जानने के
लिए सर्वज्ञ की कोई आवश्यकता नहीं है । बुरा फल मिलेगा।
दुर्भाग्य से इससे आगे हमारी बुद्धि नहीं जाती
है, मगर फिर भी हम इतना जानते हैं कि अनन्त-अनन्त जीवन गुजर जाने के बाद भी यही होगा कि अच्छे कर्मों का अच्छा फल मिलेगा और बुरे कर्मों का बुरा फल मिलेगा।
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