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4. सह-अस्तित्व : अपने से भिन्न सिद्धान्तों और मान्यताओं के कारण किसी देश का अस्तित्व समाप्त करके उस पर अपने सिद्धान्त और व्यवस्था लादने का प्रयत्न न किया जाए । सबको साथ जीने का, सम्मानपूर्वक जीवित रहने का अधिकार है ।।
5. सहयोग : एक दूसरे के विकास में सब सहयोग, सहकार की भावना रखें । एक के विकास में सबका विकास है।
यह है राजनीतिक पंचशील सिद्धान्त, जिसकी आज विश्व में व्यापक रूप में चर्चा हो रही है। 'शील' शब्द का अर्थ, यहाँ पर सिद्धान्त लिया गया है । पंचशील आज की विश्व राजनीति में एक नया मोड़ है । जिसका मूल धर्म भावना में है ।
भारत के लिए पंचशील शब्द नया नहीं है । क्योंकि आज से सहस्रों वर्ष पूर्व भी श्रमण-संस्कृति में यह शब्द व्यवहृत हो चुका है । जैन परम्परा और बौद्ध परम्परा के साहित्य में पंचशील शब्द आज भी अपना अस्तित्व रखता है और व्यवहार में भी आता है । बौध्द पंचशील :
भगवान् बुद्ध ने भिक्षुओं के लिए पाँच आचारों का उपदेश दिया था, उन्हें पंचशील कहा गया है । शील का अर्थ यहाँ पर आचार है, अनुशासन है । पंचशील इस प्रकार है
___ 1. अहिंसा - प्राणिमात्र के प्रति समभाव रखो । किसी पर द्वेष मत रखो। क्योंकि सबको प्राण प्रिय है ।
2. सत्य - सत्य जीव का मूल आधार है । मिथ्या भाषण कभी मत करो । मिथ्या विचार का परित्याग करो।
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