Book Title: Anand
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sugal and Damani Chennai

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Page 288
________________ हो सकता है। दूसरी ओर कुछ व्यक्ति अपने परिवार के सदस्यों अथवा कुछ पड़ौसियों के प्रति अन्यायी और स्वेच्छाचारी हो सकते हैं, परन्तु साथ ही अपने ग्राहकों के प्रति वे सद्व्यवहार रख सकते हैं । एक अर्थ में समाजीकरण सामाजिक क्रियाओं में भाग लेना है । समाज की क्रियाओं में व्यक्ति भाग तभी ले सकता है, जबकि उसमें सामाजिकता का विकास हो चुका हो । सामाजिकता का अर्थ है- “अनेकता में एकता स्थापित करना ।" समाज में जितने भी प्रकार के व्यक्ति रहते हैं, समान हित के कारण उनके साथ एकीकरण करना ही वस्तुतः समाज में रहने वाले व्यक्ति की सामाजिकता कही जाती है । समाज-शास्त्र : ___मैं आपसे समाज और समाजीकरण के सम्बन्ध में कह रहा था । समाजशास्त्र का अध्ययन करने वाले व्यक्ति, भली-भांति इस बात को समझते हैं कि समाजीकरण का जीवन में क्या महत्व है ? मेरे अपने विचार में, जो व्यक्ति अपना समाजीकरण नहीं कर सकता, उसका जीवन उसके लिए भारभूत बन जाता है । अपने स्वयं के व्यक्तित्व को समाज के सामूहिक जीवन के अंदर विलीन कर देना ही, मेरे | स्वयं के व्यक्तित्व विचार में सच्चा समाजीकरण है। समाजीकरण को समाज के की प्रक्रिया युग-भेद से अथवा परिस्थिति के | सामूहिक जीवन के कारण विभिन्न हो सकती है, किन्तु | अंदर विलीन कर जीवन-विकास के लिए समाजीकरण प्रत्येक देना ही, मेरे विचार युग में उपादेय रहा है । और भविष्य में भी में सच्चा उपादेय रहेगा । यदि व्यक्ति अपने अहंकार | समाजीकरण है। में रहे और वह अपने आप को समाज के 2006 271

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