Book Title: Anand
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sugal and Damani Chennai

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Page 338
________________ जिस नीति में धर्म नहीं, वह राजनीति, कुनीति रहेगी। राजा की नीति धर्ममय होती है । क्योंकि भारतीय परम्परा में राजा न्याय का विशुद्ध प्रतीक है। जहाँ न्याय वहाँ धर्म होता ही है । न्याय रहित नीति नीति नहीं, अनीति है, अधर्म है । 321

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