Book Title: Agam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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वन्देवीरम्
घाटकोपर (बम्बई)
ता. ९-२-५९ सम्मति-पत्रम् यहां पर श्रमणसंघीय पं० र० श्री प्रतापमलजी महाराज श्री जैनसिद्धांत विशारद श्री राजेन्द्रमुनिजी जैनसिद्धान्तविशारद श्री रमेशमुनिजी महाराज आदि ठाणा ३से सुख शांतिपूर्वक विराजमान है। __ आप के वहां जैनाचार्य पूज्य श्री घासीलालजी महाराज आदि तत्र विराजित समस्त मुनिमण्डल की वन्दना अर्ज करे और सुखशाता पूर्छ । ___ आचार्य श्रीके द्वारा अनुवादित कितनेक शास्त्र देखे । जिन का अनुवादन अत्यन्त सुन्दर ढंग से हुआ है। प्रत्येक व्यक्ति इन शास्त्रों से सरलता पूर्वक लाभ उठा सकता है। आपका यह अथक प्रयत्न जैन समाज पर अत्यन्त उपकारी होगा, जो कि कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
आपका रामचन्द्र जैन
ता. ९-२-५९ हमारा पता:
पं. र. श्री प्रतापमलजी म. श्री की सेवामें C/o भोगीलाल केशवजी एन्ड के. "N" गली, दाणा बंदर,
बम्बई ९ Bombay-9
ઉત્તરાધ્યયન સૂત્ર: ૧