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आओ संस्कृत सीखें
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गुरुगत = गुरु में रहा (विशेषण) म्लान = मुाया हुआ (विशेषण) निष्प्रयोजन = प्रयोजनरहित (विशेषण)| शुश्रूषु = सेवा करनेवाला (विशेषण) मंगल = मंगलकारी (विशेषण)।
संस्कृत में अनुवाद करो : 1. शूरवीर वही है जिसके द्वारा इन्द्रियाँ जीती जायें । (जि) 2. पंडित वही है जिसके द्वारा धर्म का आचरण हो । (आ+चर्) 3. वक्ता वही है जिसके द्वारा सत्य बोला जाय । (वद्) 4. दाता वही है जिसके द्वारा अभय दान दिया जाय । (दा) 5. परीक्षक द्वारा विद्यार्थियों को प्रश्न पूछे जाते हैं। 6. विद्यार्थी द्वारा याद किया जाता है। (स्मृ) और परीक्षक को जवाब दिया
जाता है। 7. बुनकर सूत बुनता है । (वे) 8. जो खड्डा खोदता है वह उसमें गिरता है । 9. उसके भाई पुष्कर द्वारा नल के पास से सब जीता गया । (जि) 10. इस भार को गांव में ले जाने के लिए मजदूरों द्वारा उठाया जाता है। (वह्) 11. आचार्य द्वारा धर्म कथा प्रारंभ की जाती है । (आ + रम्)
हिन्दी में अनुवाद करो : 1. यदि न कश्चित्कार्यविलम्बस्ततः प्रस्थीयतामभ्युदयाय । 2. समाहूतं वैद्यमण्डलं तेन नरपतिना। 3. न निष्प्रयोजनमधिकारवन्तः प्रभुभिराहूयन्ते । 4. अम्लानपुष्प-मालेव तवाज्ञा नृपतिशतैरुह्यते शिरोभिः । 5. मृगभयेन यवाः किं नोप्यन्ते ?। 6. अगीयत च गन्धर्वैः कल-मङ्गल-गीतिभिः । 7. यथा खात्वा खनित्रेण, भू-तले वारि विन्दति ।
तथा गुरुगतां विद्या, शुश्रूषुरधिगच्छति ।। 8. न सा विद्या न तद्दानं न तच्छिल्पं न सा कला ।
न तत्स्थैर्य हि धनिनां याचकै र्यन्न गीयते ।।
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