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आओ संस्कृत सीखें
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भास्कर = सूर्य (पुंलिंग) | पङ्कज = कमल (नपुं. लिंग) समर = युद्ध
(पुंलिंग)| हर्म्य = हवेली (नपुं. लिंग) हाहाकार = हाहाकार (पुंलिंग)| उत्तरीय = खेश (नपुं. लिंग) रुच् = कांति (स्त्री लिंग)| चारु = सुंदर (विशेषण) वर्तनी = मार्ग (स्त्री लिंग)| सित = सफेद (विशेषण) अन्तःपुर = अंतपुर (नपुं. लिंग)| हाहा = हाहाकार (अव्यय)
धातु अर्थ क्रन्द् = पुकार करना गण १ परस्मैपदी सम् + क्रम् = गिरना गण १ परस्मैपदी गुञ् = गुंजन करना गण १ परस्मैपदी निर् + नी = निर्णय करना गण १ परस्मैपदी नाथ् = प्रार्थना करना गण १ परस्मैपदी
संस्कृत में अनुवाद करो 1. स्वयंवर में भीमराज की पुत्री दमयंती ने नल का वरण किया (वृ) 2. अनुरागी (अनुरक्त) लोग हाहाकार करने लगे । उस हाहाकार को सुनकर वहाँ
आकर दमयंती बोली (गद्), ‘नाथ ! आपको प्रार्थना करती हूँ कि आप मुझ पर
प्रसन्न बनो और द्यूत को छोड़ो । 3. नल ने उसकी बात नहीं सुनी (श्रु) और उसे देखा भी नहीं । (दृश्) 4. नल ने अपने भाई पुष्कर के साथ जुआ खेला । (दिव्) 5. सीता ने सोने का मृग देखा (दृश) और राम उसे पकड़ने के लिए दौड़ा । (धाव) 6. रावण सीता का हरण कर लंका में ले आया । (आ + नी) 7. राम ने रावण के साथ युद्ध किया और बहुत से योद्धा मारे गए । (मृ) 8. लक्ष्मण को मरा हुआ जानकर अंत:पुर की स्त्रियाँ क्रंदन करने लगी ! (क्रन्द) 9. सीता को असती जानकर राम ने उसका त्याग किया था ! (त्यज्) 10. पके हुए धान्य को किसानों ने काट लिया । (लू) 11. भगवान का जन्म जानकर इन्द्र ने अपने सिंहासन से सात-आठ कदम दूर जाकर
भगवान की स्तुति की (स्तु) । 12. प्रचंड पवन ने बगीचे के सभी वृक्ष नष्ट कर दिए (भञ्) ।