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शुशुव
शुशुवुः
आओ संस्कृत सीखें- +1873, 10. श्वि धातु का परीक्षा में विकल्प से य्वत् होता है।
श्वि के रूप शुशव, शुशाव
शुशुविव
शुशुविम शुशविथ
शुशुवथु: शुशाव
शुशुवतुः
विकल्प से रूप शिश्वय, शिश्वाय
शिश्वियिव शिश्वियिम शिश्वयिथ
शिश्वियथुः
शिश्विय शिश्वाय
शिश्वियतुः .. शिश्वियुः ज्या + अ (ण) ज्याज्या + अ जज्या + अ जिज्या + अ = जिज्यौ, जिज्यिव, जिज्यिम, जिज्यिथ, जिज्याथ । व्यध् का - विव्यध, विव्याध, विविधिव, विव्यधिथ, विव्यद्ध । व्यच् - विव्यच, विव्याच, विविचिव, विव्यचिथ । व्यथ् - विव्यथे, विव्यथिवहे, विव्यथिमहे ।
स्वप् के रूप सुष्वप, सुष्वाप
सुषुपिव
सुषुपिम सुष्वपिथ, सुष्वप्थ
सुषुपथुः
सुषुप सुष्वाप
सुषुपतुः
आम् विधान 11. अनेकस्वरी धातुओं का परीक्षा के प्रत्यय के बदले आम् लगता है और उसके
बाद कृ, भू और अस् में से किसी एक के परोक्षा के रूप जुड़ते हैं। 12. आम् के पहले धातु परस्मैपदी हो तो परस्मैपदी कृ आदि के और आत्मनेपदी हो
तो आत्मनेपदी कृ आदि के रूप जुड़ते हैं। उदा. चकासाञ्चकार, चकासाम्बभूव ।
चकासामास, चकासामासिव, चकासामासिम । चकासामासिथ, चोरयाञ्चकार आदि