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आओ संस्कृत सीखें
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होता है। उदा. सह पुत्रेण सपुत्रः आगतः । सह छात्रेण सच्छात्र आगतः । सह
मदेन वर्तने समदः । सधनः । सस्मयः । 7. लोक व्यवहार में प्रचलित दिशावाचक नाम दूसरे दिशावाचक नाम के साथ
बहुव्रीहि समास होता है। यह समास उन उन दिशाओं के अंतराल को बताता
उदा. दक्षिणस्याः च पूर्वस्याः च दिशोर्यद् अन्तरालं सा दक्षिणपूर्वा दिक्(अग्निकोण) इसी प्रकार - पूर्वोत्तरा (ईशानकोण) उत्तर पश्चिमा । दक्षिण पश्चिमा ।
समास उपयोगी विधि 8. उपमान वाचक शब्द के बाद रहे उरु शब्द से स्त्री लिंग में ऊ (ऊ) प्रत्यय होता
है तथा सहित, संहित, सह, सफ, वाम और लक्ष्मण शब्द के बाद रहे उरु शब्द से भी ऊ होता है। उदा. करभ इव उरू यस्याः सा करभोरू:। रम्भोरू:। वामौ (सुन्दरौ) उरू यस्याः सा वामोरू: ।
परंतु - वृत्तौ उरू यस्याः सा वृत्तोरुः । पीनोरु: ऊ नहीं होगा । 9. गो शब्द ई (ङी), आ (आप) और ऊ (ऊ) प्रत्ययांत स्त्री लिंग शब्द, समास
के अंत में हों और गौण हो गए हो तो उनका स्वर ह्रस्व होता है। परंतु अंशि समास और ईयस् (ईयसु) प्रत्ययांत बहुव्रीहि मे स्वर ह्रस्व नही होता है । उदा. चित्रा गावो यस्य स चित्रगुः ।
प्रिया खट्वा यस्य स प्रियखट्वः । वाराणस्या निर्गतः - निर्वाराणसिः । खट्वामतिक्रान्तः - अतिखट्वः । वामोरूमतिक्रान्तः - अतिवामोरुः ।
परंतु
अर्धं पिप्पल्याः अर्धपिप्पली (अंशि तत्पुरुष)
बहवः प्रेयस्यो यस्य स बहुप्रेयसी । 10. आ (आप) प्रत्यय का स्वर, क (कच्) प्रत्यय पर विकल्प से ह्रस्व होता है ।