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आओ संस्कृत सीखें
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द्विरुक्ति का अपवाद 14. सकारादि स (सन्) पर
1. ज्ञपि का ज्ञीप् और आप का ईप् 2. ऋध् का ई 3. दम्भ का धिप् और धीप् 4. अकर्मक मुच् का विकल्प से मोक् 5. मि, मी, मा और दा संज्ञक धातु के स्वर का इत् 6. रभ, लभ, शक्, पत् और पद् के स्वर का इ होता है और सर्वत्र द्विरक्ति
नहीं होती है। 1. ज्ञीप्सति प्रति उदाहरण जिज्ञपयिषति
ईप्सति
ईर्त्यति
अदिधिषति धिप्सति, धीप्सति
दिदम्भिषति मोक्षति, मुमुक्षति मित्सति, मित्सते दित्सति, धित्सति आरिप्सते, लिप्सते, शिक्षति पित्सति
पिपतिषति पित्सते जि - जिगीषति
चि - चिकीषति, चिचीषति । 15. स्मृ और दृश् के इच्छादर्शक रूप आत्मनेपद में होते हैं । उदा. सुस्मूर्षते, दिदृक्षते ।
इच्छादर्शक - (सन्नन्त) नाम 16. सन्नंत धातु, भिक्ष धातु तथा आशंस् धातु से उ प्रत्यय लगने पर कर्तृसूचक नाम
बनता है। उदा. लिप्सते इत्येवं शीलः लिप्सुः इसी प्रकार