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आओ संस्कृत सीखें
1313 7. उसके वियोग के भय से मानों उसके रत्नों के आभूषण भी तेज बिना के हो गये
और मुकुट की मालाएँ मुर्छा गईं। 8. नियत समय रहते ग्रह जैसे एक राशि में से दूसरी राशि में जाते हैं, उसी प्रकार वे
(साधु) नियत समय रहते हुए, एक नगर से दूसरे नगर में, एक गाँव से दूसरे गाँव
में और एक वन से दूसरे वन में विचरते थे। 9. भ्रमर जैसी वृत्तिवाले वे (साधु) पारणे में (तप के पारणे) दाता को दुःख नहीं
देते हुए प्राण बचाने के लिए भिक्षा लेते थे । 10. मोह राजा की सेना के मानों चार अंग न हों वैसे चारों कषायों को क्षमादि अस्त्रों से सर्वथा जीते ।
हिन्दी का संस्कृत में अनुवाद 1. नलदमयन्त्यौ वन आटतुः । 2. कृष्णः कंसं जघान ।
रामो रावणं जिगाय ।
अर्जुनो द्रोणाचार्याद् धनुर्विद्यामधिजगे। 5. यथा सम्प्रति महान् जैननृपो बभूव तथा कुमारपालो महान्जैननृपो बभूव ।
चाणक्यो नन्दस्य राज्यमाच्छेत्तुं निश्चिकाय । 7. स्वीयस्यासनस्य कम्पेनेन्द्रो भगवतो जन्म जज्ञे। 8. भगवता जन्ममहोत्सवसमये स्वर्गादागद्भिरसंख्यै देवै राकाशं व्यानशे । 9. महावीरस्य बीरतामिन्द्रः स्वीयायां सभायां नुनाव देवाश्च स्वीयानि
मस्तकानि दुधुवुः। 10. सीता सेनान्योमुखेन रामाय वाचिकं प्रजिघाय। 11. रामराज्यं को न सस्मार ।
पाठ 26
संस्कृत का हिन्दी में अनुवाद 1. उसके बाद सुग्रीव आदि सुभटों के साथ, लक्ष्मण सहित राम ने लंका विजय की
यात्रा के लिए गगन मार्ग से प्रस्थान किया । 2. अपने सैन्य के द्वारा दिशाओं के मुख को भी ढकनेवाले करोडों महाविद्याधर राजा
उसी समय राम के साथ चले । 3. विद्याधर द्वारा प्रयाण के लिए बजाए गए अनेक वाद्ययंत्रों ने अत्यंत गंभीर