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आओ संस्कृत सीखें
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अल्प बुद्धिवाले नल के पाँव किस तरह उत्साहवाले हो गये ? 7. जिनकी आज्ञा अखंड है ऐसे इन्द्र समान उस राजा के होने पर एक चन्द्रवाले
आकाश की तरह पृथ्वी एक छत्रवाली ही थी। 8. दुर्बुद्धि (और) अल्पबुद्धिवाले उसके वचन को सुनकर, अच्छी बुद्धि वाला राजा
इस प्रकार बोला, “वास्तव में धिक्कार है कि बुद्धि बिना के (अथवा) मंदबुद्धि
वाले, अपनी आजीविका के लिए प्राणियों को मारते हैं । 9. हे भद्र ! तुम क्या कहना चाहते हो ? 10. शुद्ध (और) कषाय रहित हृदयवाला, इन्द्रियों के वर्ग की चेष्टाओं को जीतनेवाला,
कुटुम्ब के स्नेह को छोडनेवाला योगी मोक्ष पद प्राप्त कर संसार में नहीं आता
हिन्दी का संस्कृत में अनुवाद 1. आसन्न-दशा गुर्जर-सुभटा मत्त-बहु-मात्तङ्गे शत्रुसैन्ये आरूढसुभटानर्ध
पञ्चम-विंशानश्वानघ्नन् । 2. हे वामोरु ! च हे पीनोरु ! च युवामत्रोपविशतम् ।
तीव्र-पापोदये रम्भोरुभार्यो वा शोभनभार्योऽपि वा दुःखास्पदं भवेत् । 4. दक्षिणपूर्वायां दिशि स्थितोऽग्निः सतेजा भवेत् । 5. समनाः कुमारः प्रणन्तुकामः पितर्यागच्छत् 6. सधर्माणं जनं संदृश्य सधर्माणो जनास्संतुष्यन्ति । 7. स कुमार उपचतुरेषु जगत्सु समप्रथयत । 8. सर्वोत्तमपुरुषा जगति द्वित्रा द्विचतुस्त्रिचतुराः पञ्चषा वा भवन्ति । 9. उद्गन्धि दुग्धं सुगन्धींश्च कलमांस्त्यक्त्वा जनाः पूतिगन्धं पलं काङ्क्षन्ति । 10. कुमारपालेन राज्ञा सुस्वामिकायामस्यां भुवि कोऽपि जनो जन्तूनाऽहन् । 11. प्रभूतवीर-पुरुषस्यास्य ग्रामस्य शत्रूणां भयं नोपतिष्ठते ।
पाठ 32
संस्कृत का हिन्दी में अनुवाद 1. वास्तव में मेरा वर्तन पशुतुल्य है या सत्पुरुषों के समान हैं', इस प्रकार मनुष्य
को अपना वर्तन हमेशा देखना चाहिए । 2. राम का कल्याण हो' (ऐसा) कहना और लक्ष्मण को आशिष कहना, तेरा मार्ग