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आओ संस्कृत सीखें
1233 7. अभिमुख अर्थ में विद्यमान अभि तथा प्रति नाम लक्षण चिह्नवाची नाम के साथ
पूर्व पद की मुख्यता से अव्ययी भाव समास होते हैं । अभि अग्निम् - अभ्यग्नि । प्रत्यग्नि शलभाः पतन्ति ।
(अग्नि की ओर पतंगे गिरते हैं) 8. अनु नाम दीर्घता सूचक लक्षण नाम के साथ पूर्वपद की मुख्यता से अव्ययी भाव
समास होता है। उदा. अनु गङ्गां दीर्घा - अनुगङ्गम् वाराणसी ।
___ गंगा जितनी काशी नगरी लंबी है अर्थात् गंगा के किनारे किनारे काशी है। 9. 'समीप' अर्थ में वर्तमान अनु नाम, दूसरे नाम के साथ पूर्व पद की मुख्यता से
समास होता है ।
उदा. अनुनृपस्य - अनुनृपं पिशुनाः (राजा के पास चापलूस लोग होते हैं)। 10. भिन्न भिन्न अर्थ में अव्यय नाम, दूसरे नाम के साथ पूर्व पद की मुख्यता से नित्य
अव्ययी भाव समास होते है । उदा. स्त्रीषु निधेहि
अधिस्त्रि निधेहि । वेलायाम्
अधिवेलं भुक्ष्व । कुम्भस्य समीपम्
उपकुम्भम् उपारामम् । मक्षिकाणाम् अभावः
निर्मक्षिकम्, निरालोकम् । हिमस्य अत्ययः
अतिहिमम् । रथस्य पश्चात्
अनुरथम् । ज्येष्ठस्य अनुक्रमेण
अनुज्येष्ठं प्रविशन्तु । वृद्धानुक्रमेण
अनुवृद्धं साधून अर्चय । तृणमपि परित्यज्य
सतृणं अभ्यवहरति । सतुषम् । 11. योग्यता, वीप्सा, अर्थ की अनतिवृत्ति और सादृश्य अर्थ में वर्तमान अव्यय नाम,
दूसरे नाम के साथ पूर्व पद की मुख्यता से नित्य अव्ययीभाव समास होता है। उदा. रूपस्य योग्यम्
अनुरूपं चेष्टते । अर्थं अर्थं प्रति
प्रत्यर्थम् ।