________________
2190
आओ संस्कृत सीखें 22. विद् गण धातु से वर्तमानकाल में वस् (क्वसु) प्रत्यय होता है ।
वेत्ति इति विद्वस् 23. धुट् को छोड स्वरादि प्रत्ययों पर वस् का उष् होता है, यदि वस् के पहले इ हो
तो इ सहित उष् करे । उदा. विद्वस् + अस् - विदुषः ।
तस्थिवस्, तस्थुषः, बभूवुषः । स्त्री लिंग में - विदुषी, तस्थुषी, जग्मुषी, बभूवुषी । 24. वस् (क्वसु) के स् का पद के अंत में न होता है। उदा. विद्वद्भ्याम्, विद्वत्सु ।
तस्थिवद्भ्याम् । नपुंसक में - तस्थिवत् द, तस्थुषी, तस्थिवांसि । शेष धुट् प्रत्ययों में पटीयस् की तरह रूप करें
विद्वस के रूप 1. विद्वान्
विद्वांसौ विद्वांसः 2. विद्वांसम्
विद्वांसौ विदुषः 3. विदषा
विद्वद्भ्याम्
विद्वदिभः विदुषे
विद्वद्भ्याम् विद्वद्भ्यः 5. विदुषः
विदुषोः 6. विदुषः
विदुषोः
विदुषाम् 7. विदुषि
विदुषोः विद्वत्सु संबोधनः हे विद्वन्
विद्वांसौ
विद्वांसः
शब्दार्थ अधीश = राजा (पुंलिंग) | खेचर = विद्याधर (पुंलिंग) अध्वन् = मार्ग (पुंलिंग) | गीर्वाण = देव (पुंलिंग) अनुज = छोटा भाई (पुंलिंग) नाद = आवाज (पुंलिंग) अहंयु = अहंकारी (पुंलिंग) मणक = मणक मुनि (पुंलिंग) ईश्वर = राजा
(पुंलिंग) |
मनुज = मनुष्य (पुंलिंग) उदन्वत् = समुद्र (पुंलिंग) | महीधर = पर्वत (पुंलिंग)
विद्वद्भ्यः