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आओ संस्कृत सीखें
पाठ- 28
अनिट् धातुओं का दूसरा प्रकार
1. दूसरे प्रकार में स् (सिच्) प्रत्यय के पहले इ (इट्) नहीं होती है। परस्मैपद के प्रत्यय
स्व
सम्
सीस्
सीत्
3.
सि
स्थास्
स्त
अनैषम्
अनैषीः
अनैषीत्
200
अनेषि
अनेष्ठाः
अनेख
स्तम्
स्ताम्
आत्मनेपद के प्रत्यय
स्वहि
साथाम्
साताम्
नी के रूप - परस्मैपदी
अनैष्व
अनैष्टम्
अनैष्टाम्
आत्मनेपदी
अनेष्वहि
अनेषाथाम्
अनेषाताम्
मागण 3 आत्मनेपद
अमास्वहि
स्म
स्त
सुस्
स्महि
ध्वम्, स्ध्वम् .
सत
अनैष्म
अष्ट
अनैषुः
अष्महि अनेवम्, ड्ढ्वम् .
अनेषत
अमासि
अमास्थाः
अमासाथाम्
अमास्त
अमासाताम्
अमासत
2. परस्मैपद में अनिट् स् (सिच्) पर व्यंजनांत धातु के समान स्वर की वृद्धि
होती है।
अमास्महि
अमाध्वम्-ध्वम्
भिद् = अभैत्सीत् ।
रञ्ज् = अराङ्क्षीत् ।
धुट् व्यंजन अंत में हो तथा ह्रस्व स्वर अंत में हो ऐसे धातु के बाद में रहे अनिट्