________________
214
आओ संस्कृत सीखें
आत्मनेपद में रुध् अरुद्ध अरुत्साताम् अरुत्सत । अभित्त । अबोधिष्ट । 7. तृप् और दृप् धातु से पहले व दूसरे प्रकार के प्रत्यय होते हैं ये दोनों धातु वेट
पहला प्रकार अतीत् .. अतर्पिष्टाम् अतर्पिषुः दूसरा प्रकार अत्राप्सीत् अत्राप्ताम् अत्राप्सुः
__ अतासीत् अताप्तम् अताप्र्मुः दृप पहला प्रकार अदीत् अदर्पिष्टाम् अदर्पिषुः दूसरा प्रकार अद्राप्सीत्
अदासीत् अतृपत् । अदृपत् आदि
सातवाँ प्रकार - कर्तरि प्रयोग में सातवें प्रकार में धातु से अ (ङ) प्रत्यय होता है । ङ प्रत्यय पर धातु की द्विरुक्ति होती है।
निम्नलिखित धातएँ 7वें प्रकार में हैं 1. इ (णिच् या णिग्) प्रत्यय जिसके अंत में हो (दसवें गण और प्रेरक भेद के धातु) 2. श्रि, दु, सु और कम् 3. धे, (ट्धे) और श्वि विकल्प से हैं उदा. श्रि - अशिश्रियत् ।
द्व - अदुद्रुवत् । सु - असुस्रुवत् । कम् - अचकमत । धे (ट्धे) अदधत् पक्षे अधात् अधासीत् (5वाँ प्रकार) श्वि - अशिश्वियत् पक्षे - अश्वत् । अश्वयीत्
श्रि के रूप अशिश्रियम् अशिश्रियाव
अशिश्रियाम अशिश्रियः अशिश्रियतम्
अशिश्रियत अशिश्रियत् अशिश्रियताम्
अशिश्रियन्