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आओ संस्कृत सीखें
विध्यर्थ बिभियाम्, बिभीयाम् बिभियाव, बिभीयाव बिभियाम, बिभीयाम बिभिया; बिभीयाः बिभियातम्, बिभीयातम् बिभियात, बिभीयात बिभियात्, बिभीयात् बिभियाताम्, बिभीयाताम् बिभियुः, बिभीयुः
. आज्ञार्थ बिभयानि बिभयाव
बिभयाम बिभिहि, बिभीहि बिभितम्, बिभीतम् बिभित, बिभीत
बिभेतु बिभिताम्, बिभीताम् बिभ्यतु 16. द्वित्व होने के बाद जो पूर्व धातु है, उसके अनादि व्यंजन का लोप होता है ।
उदा. ही + ति
ही ही + ति = हीही + ति = जिहेति 17. संयुक्त व्यंजन के बाद आए धातु के इ वर्ण और उ वर्ण का स्वरादि प्रत्ययों पर क्रमश: इय् तथा उव् होता है । उदा. ही + अति जिही + अति = जिहियति (नियम 15 का अपवाद)
ही धातु के रूप
वर्तमाना जिहेमि जिहीवः
जिहीमः जिहेषि जिहीथः
जिहीथ जिहति जिहीत:
जिहियति __ हस्तनी अजिहूयम् अजिहीव
अजिहीम अजिहेः अजिहीतम्
अजिहीत अजिहेत्
अजिहीताम्
विध्यर्थ जिहीयाम् जिहीयाव
जिहीयाम जिहीयाः जिहीयातम्
जिहीयात जिहीयाताम्
अजिहूयुः
जिहीयात्
जिहीयुः