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आओ संस्कृत सीखें
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अहः
अहानि
2. अहन् शब्द के न् का पद के अंत में र् होता है । 3. स् के र् को जो नियम लगता है, वह इस र् को भी लागू पड़ता है ।
अहन् + भ्याम्
अहर् + भ्याम् = अहोभ्याम् । 4. प्रत्यय का लोप होने के बाद पद के अंत में रहे अहन् शब्द के न् का होता हैं।
उदा. अहन् + भ्याम्
अहर् + भ्याम् = अहोभ्याम् उदा. अहरेति, अहर्गच्छति
र् पर यह नियम नहीं लगता है ।। उदा. गतमहो रात्रिरागता
अहन के रूप 1. अहः अही, अहनी अहानि
अह्री, अहनी अह्ना अहोभ्याम् अहोभिः
अहोभ्याम् अहोभ्यः अह्नः अहोभ्याम् अहोभ्यः 6. अह्नः अह्नोः अह्नाम्
7. अह्नि, अहनि अह्नोः अहःसु, अहस्सु 7. पूषन् और अर्यमन् का स्वर प्रथमा एकवचन में ही दीर्घ होता है ।
उदा. पूषा पूषणौ पूषणः
अर्यमा अर्यमणौ अर्यमणः Note: अहश्च रात्रिश्च अनयोः समाहारः अहोरात्रः (नियम 2 से र) परंतु अहश्च निशा च अनयो: समाहार: अहर्निशम् (नियम 3 से र्)
इन् अंतवाले नाम 5. पथिन् मथिन् और ऋभुक्षिन् शब्दों के न् का स् (सि) प्रत्यय पर आ होता है। 6. धुट् प्रत्ययों पर पथिन्, मथिन् और ऋभुक्षिन् के इ का आ और थ् का न्थ्
होता हैं।
अहे