________________
आओ संस्कृत सीखें
2134
पाठ-19/ श्वस्तनी, भविष्यन्ती और क्रियातिपत्ति 1. सह लुभ् इष् (इच्छ) रुष् और रिष् धातुओं से तकारादि अशित् प्रत्ययों पर
विकल्प से इ होता है। उदा. लोब्धा = लोभिता।
एष्टा = एषिता । 2. सह् और वह धातु के ढ् का ढ के निमित्त से हुए ढ पर लोप होता है और पूर्व
के अ वर्ण का ओ होता है। सह् + ता, सद् + ता सद् + धा = सत् + ढा = सोढा, सहिता सोढुम सहितुम्, सोढव्यम् - सहितव्यम् ।
वह् का वोढा, वोढुम् वोढव्यम् । 3. हन् धातु और ऋकारान्त धातुओं से स्य के पहले इ होता है । उदा. हनिष्यति, अहनिष्यत् ।
करिष्यति, अकरिष्यत् । स्वृ = स्वरिष्यति, अस्वरिष्यत् ।
मृ = मरिष्यति, अमरिष्यत् । 4. कृत् चुत् नृत् छद् और तृद् के अद्यतनी स् (सिच्) प्रत्यय को छोड़कर अन्य
सकारादि अशित् प्रत्ययों के पहले विकल्प से इ होता है । उदा. कर्व्यति, कतिष्यति ।
__ अकय॑त्, अकर्तिष्यत् । 5. गम् धातु से सकारादि अशित् प्रत्ययों के पहले इ होता हैं । परंतु आत्मनेपदी
में नहीं होता है।
उदा. गमिष्यति, अगमिष्यत्, संगस्यते । 6. स्नु तथा क्रम् धातु से सकारादि और त्कारादि अशित् प्रत्ययों के पहले इ होता
है, परंतु आत्मनेपदी में नहीं होता है । उदा. प्रस्नविष्यति, प्रस्नविता, प्रस्नवितुम् ।
क्रमिष्यति, क्रमिता, प्रक्रमितव्यम् ।