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आओ संस्कृत सीखें
21573 15. इष्ठ और ईयस् (ईयसु) प्रत्यय पर विन् और मत् प्रत्यय का लोप होता है।
स्रग्विन्, स्रजिष्ठः, स्रजीयान् ।
बलवत्, बलिष्ठः । बलीयान् । बलीयसी । स्त्री । 16. अल्प और युवन् का विकल्प से कन् होता है - अल्प - कनिष्ठः । कनीयान् ।
अल्पिष्ठः । अल्पीयान् । युवन् - कनिष्ठः । कनीयान् ।
यविष्ठः । यवीयान् । 17. प्रशस्य का श्र आदेश होता है ।
श्रेष्ठः । श्रेयान् । 18. वृद्ध और प्रशस्य का ज्य आदेश होता है
ज्येष्ठः । ज्यायान्, । ज्यायसी (स्त्री लिंग) 19. बाढ और अन्तिक का साध और नेद आदेश होता है ।
साधिष्ठः । साधीयान्, नेदिष्ठः । नेदीयान् । 20. 'पना' भाव अर्थ में पृथु आदि शब्दों से इमन्, त्व तथा ता (तल्) प्रत्यय होते
इमन् प्रत्ययांत शब्द पुंलिंग है
पृथोर्भावः प्रथिमा, प्रथिमानौ, । प्रथिमानः ।
पृथुत्वम् । पृथुता । 21. इमन्, इष्ठ और ईयस् प्रत्यय लगने पर __1) अंत्य स्वर और उसके बाद में रहे व्यंजनों का लोप होता है -
पटु - पटिमा, पटिष्ठः । पटीयान् ।
महत् - महिमा, महिष्ठः । महीयान् । 2) पृथु, मृदु, भृश, कृश, दृढ, परिवृढ के ऋ का र होता है। उदा. प्रथिमा, प्रथिष्ठः, प्रथीयान् ।
म्रदिमा, म्रदिष्ठः, प्रदीयान् 3) स्थूल आदि में स्वर सहित अंतस्था और उसके बाद में रहे व्यंजन का लोप
होता है एवं नामि स्वर का गुण होता है। उदा.