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आओ संस्कृत सीखें
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बिभिदथुः बिभिदतुः
बिभिदुः
रुरुध
4. कृ, सृ, वृ, भृ, स्तृ, श्रु तथा सु इन आठ धातुओं को छोडकर प्रत्येक धातु से परोक्षा के व्यंजनादि प्रत्यय के पहले इ (इट्) होता है ।
भण के रूप प्रथम पुरुष बभण, बभाण बभणिव बभणिम द्वितीय पुरुष बभणिथ बभणथुः बभण तृतीय पुरुष बभाण
बभणतुः
बभणुः भिद् के रूप प्रथम पुरुष बिभेद बिभिदिव
बिभिदिम द्वितीय पुरुष बिभेदिथ
बिभिद तृतीय पुरुष बिभेद
रुध् धातु के रूप प्रथम पुरुष रुरोध
रुरधिव
रुरधिम द्वितीय पुरुष रुरोधिथ - रुरुधथु: तृतीय पुरुष रुरोध रुरुधतुः रुरुधुः
रुध् धातु के रूप प्रथम पुरुष रुरुधे ।
रुरुधिवहे रुरुधिमहे द्वितीय पुरुष रुरुधिषे रुरुधाथे
रुरुधिध्वे तृतीय पुरुष रुरुधे
रुरुधाते
सम् + इन्ध् के रूप प्रथम पुरुष समीधे समीधिवहे समीधिमहे द्वितीय पुरुष समीधिषे समीधाथे
समीधिध्वे तृतीय पुरुष समीधे समीधाते समीधिरे
संस् के रूप प्रथम पुरुष सञसे सम्रंसिवहे
सस्रंसिमहे द्वितीय पुरुष सम्रंसिषे ससंसाथे सस्रसिध्वे
तृतीय पुरुष सस्रुषे सलंसाते सस्रंसिरे टिप्पणी : कृ धातु के पहले स् आए तब इ होती है । उदा. सञ्चस्करिव
रुरुधिरे