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आओ संस्कृत सीखें
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तुष्टम
तुष्टव तुष्टाव तुष्टोथ तुष्टाव
स्तु - परस्मैपदी
तुष्टुव तुष्टुवथुः
तुष्टुवतुः स्तु - आत्मनेपदी
तुष्टुवहे
तुष्टुव तुष्टवुः
तुष्टुवे
तुष्टुमहे तुष्टवे
तुष्टुषे
तुष्टुवाथे
जगृहतुः
जगृहुः
तुष्टुवाते तुष्टुविरे 9. ह्कारांत और अंतस्था अंतवाले धातु के बाद इ (बिट्) या इ (इट्) हो तो उसके
बाद रहे परोक्षा, अद्यतनी और आशीर्वाद के प्रत्यय के ध् का द् विकल्प से होता है।
ग्रह के रूप - परस्मैपदी (पाठ 4 नियम 5) जग्रह, जग्राह जगृहिव जगृहिम जग्रहिथ
जगृहथुः जगृह जग्राह
आत्मनेपदी जगृहिवहे
जगृहिमहे जगृहिषे जगृहाथे जगृहिवे, ध्वे जगृहे
जगृहाते जगृहिरे त्वर के रूप - आत्मनेपदी तत्वरे
तत्वरिवहे तत्वरिमहे तत्वरिषे
तत्वराथे तत्वरिध्वे, वे
तत्वराते तत्वरिरे शी - आत्मनेपदी (पाठ 14, नियम 15) शिश्ये
शिश्यिवहे . शिश्यिमहे शिश्यिषे शिश्याथे
शिश्यित्वे, ध्वे शिश्य शिश्याते
शिश्यिरे
जगृहे
तत्वरे