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आओ संस्कृत सीखें
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अन्य और तद् आदि शब्दों के अंत्य अक्षर का आ होता है । इदम् का ई तथा किम् का की होता हैं, समान का स होता है । उदा. स इव दृश्यते तादृशः-तादृक्षः तादृक्, ग् उसके जैसा अयम् इव दृश्यते ईदृशः, ईदृक्षः ईदृक्, ग् इसके जैसा क इव दृश्यते कीदृशः, कीदृक्षः कीदृक्, ग् किसके जैसा वयम् इव दृश्यते अस्मादृशः अस्मादृक्, ग् हमारे जैसा अन्य इव दृश्यते अन्यादृशः . अन्यादृक्, ग् अन्य जैसा समान इव दृश्यते सदृश:-सदृक्षः सदृक्, ग् समान जैसा
शब्दार्थ अक्षत = चावल (पुंलिंग) | सवितृ = सूर्य (पुंलिंग) अरुण = सूर्य का सारथि (पुंलिंग) | सहस्रकिरण = सूर्य (पुंलिंग) आयुध = हथियार (पुंलिंग) | अवाची = दक्षिण दिशा (स्त्री लिंग) उद्गार = उद्गार (पुंलिंग) | आशिस् = आशीर्वाद (स्त्री लिंग) ऋत्विक् = याज्ञिक (पुंलिंग) | उदीची = उत्तर दिशा (स्त्री लिंग) जनक = सीता के पिता (पुंलिंग) | उपानह = जूते (स्त्री लिंग) जाल = समूह
(पुंलिंग) | उष्णिह् = छंद का नाम (स्त्री लिंग) तुराषाह् = इंद्र (पुंलिंग) | दिश् = दिशा (स्त्री लिंग) दधृष् = होशियार (पुंलिंग) | धुर् = अग्रणी (स्त्री लिंग) देवेज् = देव को पूजनेवाला (पुंलिंग) | प्रतीची = पश्चिम दिशा (स्त्री लिंग) परिव्राज् = साधु (पुंलिंग) | प्राची = पूर्व दिशा (स्त्री लिंग) भ्रूण = गर्भ
(पुंलिंग) | पुर् = नगरी (स्त्री लिंग) मधुलिह् = भ्रमर (पुंलिंग) | शर्वरी = रात्रि (स्त्री लिंग) वरिवस्यक = सेवक (पुंलिंग) | अवाच् = बाद का देश काल (विशेषण) विश् = व्यापारी (पुंलिंग) | इच्छु = इच्छा करनेवाला (विशेषण) वृत्र = दानव
(पुंलिंग) | उचित = योग्य (विशेषण) शूद्र = हल्की जाति (पुंलिंग) | तिर्यच् = तिर्यंच (विशेषण) सम्राज् = बड़ा राजा (पुंलिंग) | प्रत्यच् = पश्चिम देशकाल (विशेषण)