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आओ संस्कृत सीखें
11393 8. कल मजदर अनाज की बोरियाँ उठायेंगे । 9. तुम यदि अणहिलपुर पाटण जाओगे (गम्) तो वहाँ रहे हुए अति प्राचीन पुस्तक
. भंडार और ऐतिहासिक प्राचीन अवशेषों को देख सकोगे (दृश्) । 10. रुक्मिणी ने नारदजी को कहा, हे आर्य ! मुझे आशा थी कि आप मेरे पुत्र के
समाचार लाओगे ! (आ+नी) नारदजी ने कहा, 'रुक्मिणी शोक छोड दे' तेरे पुत्र की शोध किए बिना मैं तुझे
देखूगा नहीं, यह निश्चय है' - इतना कहकर नारद आकाश मार्ग से उड़े। 11. इन फलों को छूना भी हमें नहीं कल्पता है तो फिर खाने की तो बात ही क्या?
(कृप) 12. जिस प्रकार सिंह को देखकर हिरण जंगल में से भाग जाते हैं, उसी प्रकार भीम को देखकर सभी योद्धा रणांगण में से भाग जाएंगे (नश्) ।
हिन्दी में अनुवाद करो 1. हस्तिभि हस्ति-भारो हि वोढुं शक्येत नापरैः । 2. प्रक्ष्यामि तत्सर्वमेनं कृत्वा चाटु-शतान्यपि । 3. कवलः शक्यते क्षेप्तुं नाक्रष्टुं हस्तिनो मुखात् । 4. मरिष्यामो मरिष्याम इत्येवं भावनापराः ।
मुधैव जीवितं हित्वा म्रियन्ते सत्त्व-वर्जिताः ।। 5. तत्राहमभविष्यं चेत्तदा तेषां दुरात्मनाम् ।
अकरिष्यं नव-नवैर्निग्रहैरनुशासनम् ।। 6. भवं तरिष्याम्यज्ञोऽपि भवत्पादावलम्ब्यहम् ।
गोपुच्छ-लग्नो हि तरेनदी गोपाल-बालकः ।। दीक्षां सह त्वयाऽऽदास्ये विहरिष्ये सह त्वया । दुःसहांश्च सहिष्येऽहं त्वया सह परिषहान् ।। त्वया सहोपसर्गाश्च सहिष्ये त्रिजगद्गुरो ! ।
कथंचिदपि न स्थास्याम्यहमत्र प्रसीद मे ।। 9. युष्मानष्टान् विनष्टान्वा हित्वा गतवतां मुखम् ।
कथं द्रक्ष्यति नः स्वामी ऋषि-हत्याकृतामिव ।।