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आओ संस्कृत सीखें
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तासि
तास्थ
तारस्
प्रकरण तीसरा
पाठ - 18 श्वस्तनी - भविष्यन्ती - क्रियातिपत्ति 1. श्वस्तनी, भविष्यन्ती, क्रियातिपति, परोक्षा, अद्यतनी और आशी: इन छ
विभक्तियों में धातुओं को अपने अपने गण का कोई भी विकरण प्रत्यय नहीं
लगता है। 2. श्वस्तनी आदि छ के प्रत्यय अशित् हैं ।
श्वस्तनी के प्रत्यय
परस्मैपदी प्रथम पु. तास्मि
तास्वस्
तास्मस् द्वितीय पु.
तास्थस् तृतीय पु.
तारौ
आत्मनेपदी प्रथम पु. ताहे
तास्वहे
तास्महे द्वितीय पु. तासे तासाथे ताध्वे तृतीय पु. ता
तारौ भविष्यन्ती के प्रत्यय
परस्मैपदी प्रथम पु.
स्यामि स्यावस् स्यामस् द्वितीय पु. स्यसि स्यथस् तृतीय पु.
स्यति स्यतस् स्यन्ति
आत्मनेपदी प्रथम पु. स्ये स्यावहे स्यामहे द्वितीय पु. स्यसे स्येथे स्यध्वे तृतीय पु.
स्येते स्यन्ते
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तारस्
स्यथ
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