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आओ संस्कृत सीखें
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प्रथमा
अम्
भ्याम् भ्याम्
चतुर्थी
ओस्
ओस्
प्रकरण - 2
पाठ- 16 स्वरांत नाम के रूप
विभक्ति के प्रत्यय स् (सि)
अस् (जस्) द्वितीया
औ
अस् (शस्) तृतीया आ (टा)
भिस् ए (D)
भ्यस पंचमी अस् (ङसि) भ्याम् भ्यस् षष्ठी अस् (ङस्)
आम् सप्तमी इ (ङि)
सु (सुप्)
सर्वनाम 1. पूर्व, पर, अवर, दक्षिण, उत्तर, अपर, अधर, स्व और अन्तर इन नौ
सर्वनामों से इ. स्मात् और स्मिन् विकल्प से होता है । . उदा. पूर्वे,
पूर्वाः पूर्वस्मात्, पूर्वात् पूर्वस्मिन्
हस्व इकारांत नाम 2. सखि शब्द से स (प्रथमा एक वचन) का आ (डा) होता है । उदा. सखा 3. सखि शब्द से संबोधन एक वचन छोडकर शेष धुट् प्रत्ययों पर ऐ होता है ।
उदा. सखायौ, सखायौ, सखायः। सखायम् 4. सखि और पति शब्द स्वतंत्र हो तब सप्तमी एक वचन में इ का औ होता हैं ।
उदा. सख्यौ । पत्यौ । 5. तृतीया एक वचन आ का ना नहीं होता है ।
उदा. सख्या । पत्या । चतुर्थी एक वचन ए तथा पंचमी-षष्ठी एक वचन अस् प्रत्यय पर सखि-पति के इ का ए नहीं होता है।