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आओ संस्कृत सीखें
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स्त्रियः
5 स्त्रियाः
स्त्रीभ्याम्
स्त्रीभ्यः 6. स्त्रियाः
स्त्रियोः
स्त्रीणाम् 7 स्त्रियाम्
स्त्रियोः
स्त्रीषु संबोधन हे स्त्रि
स्त्रियौ 7. कई नाम ई (डी) प्रत्यय लगे बिना भी स्वाभाविक रूप से दीर्घ ईकारांत स्त्री लिंग नाम हैं। उन नामों में प्रथमा एकवचन के स् का लोप नहीं होता है ।
उदा. अवी:, तरी:, लक्ष्मीः , तन्त्री : इनके शेष रूप नदी समान होते हैं ।
उकारांत नाम शेष घुट् प्रत्ययों पर क्रोष्टु के बदले कोष्ट अवश्य होता है तथा तृतीया एक वचन से स्वरादि प्रत्ययों पर विकल्प से कोष्ट होता है तथा स्त्री लिंग में क्रोष्ट्री होता
क्रोष्टु के रूप 1 क्रोष्टा
क्रोष्टारौ 2 क्रोष्टारम् क्रोष्टारौ 3 क्रोष्ट्रा, क्रोष्टना क्रोष्टुभ्याम् 4 क्रोष्ट्र, क्रोष्टवे क्रोष्टुभ्याम् 5 क्रोष्टुः क्रोष्टोः क्रोष्टुभ्याम्
6 क्रोष्टुः क्रोष्टोः क्रोष्ट्रोः, क्रोष्ट्वोः ____ 7 क्रोष्टरि, क्रोष्टौ क्रोष्ट्रोः, क्रोष्ट्वोः संबोधन क्रोष्टो
क्रोष्टारौ
क्रोष्टारः क्रोष्टून क्रोष्टुभिः क्रोष्टुभ्यः क्रोष्टुभ्यः क्रोष्टूनाम् क्रोष्टषु क्रोष्टार
8.
ओकारांत नाम ओकारांत नामों के ओ का धुट् प्रत्ययों पर औ होता है तथा अम् और द्वितीया बहुवचन के अस् के साथ आ होता है ।