Book Title: Sutrakrutanga Sutram Part 03
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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...अन्वयार्थ-(ते)ते-पूर्वोक्ताः प्रत्यक्षज्ञानिनः (दुगुछमाणा) जुगुप्समानाः पाएं फर्म निन्दन्तः सन्तः (भूयाहिसंकाइ) भूताभिशङ्कया-प्राण्युपमर्दनगङ्गाया (३) नैव (कुवंति) कुर्वन्ति-न स्वयं पापकर्म समाचरन्ति तथा-(ण कारवंति) न पापाचरणे परं प्रेरयन्ति, उपलक्षणात् पापं कुर्वन्तमन्यं नानुमोदयन्ति च, किन्तु ते (धीरा) धीराः-परीपहोपसर्गसहनशीलाः (सया) सदा-निरन्तरमहानिशम् (नया) "शब्दार्थ-'ते-ते' वे पूर्वोक्त प्रत्यक्ष ज्ञानी अर्थात् तीर्धकरादि 'दुगुं छमाणा-जुगुप्समाना।' पापकर्म से घृणा करते हुए 'भूनाहिसंकाइभूताभिशङ्कया' प्राणियों के घातके भय से 'नेव फुति-नैव कुर्वन्ति' स्वयं पाप नहीं करते हैं तथा 'ण कारवंति-न कारयन्ति' पापाचरण करने के लिए अन्य को प्रेरित नहीं करते हैं 'धीरा-धीरा.' परीपत एवं उप. सर्ग को सहन करनेवाले वे पुरुप 'सया-सदा सर्व काल 'जया-यता' यतना युक्त होकर 'विप्पणमंति-विप्रणमन्ति' संयम का अनुष्ठान करते हैं 'य-च' तथा 'एगे-एके' कोइ अल्पसत्व 'विषणत्ति धीरा-विज्ञ. प्तिधीराः संयम के ज्ञान मात्र से संतुष्ट हति-भवन्ति' होते हैं अर्थात् क्रियासे संयमका अनुष्ठान नहीं करते हैं ॥१७॥
अन्वयार्थ-वे पूर्वोक्त प्रत्यक्षज्ञानी पापकर्म की जुगुप्सा करते हुए, प्राणियों के उपमर्दन (विराधना) की संभावना ले न स्वयं पापकर्म करते हैं न करवाते हैं और न पापकर्म करनेवाले का अनुमोदन करते हैं । वे
શબ્દાર્થ– તે-તે એ પહેલા વર્ણવેલ પ્રત્યક્ષ જ્ઞાની અર્થાત્ તીર્ધક॥ दुगुंछमाणा-जुगुप्समानाः' पा५ ४मनी या ४२ता या 'भूताहिसंकाइ -भूताभिशङ्कया' प्राशियाना घातना भयथा 'नेव फुव्वति-नैव फुर्वन्ति' पाते पा५४ ४२ता नथी तथा 'न कारवति-न कारयन्ति' पापर्नु माय२५ ३२१॥ आटे मात । ४२ता नथी. 'धीरा-धीराः' परीष भने 6५सन सहन ४२वावाणा मेवात ५३ष'सया-सदा' सण 'जया-यताः' यतनावार मनी. 'विप्पणमंति-विप्रणमन्ति' सयभनु मनुडान ४३ छे. 'य-च' भने'एगे-एके' ५ ५५ सत्व 'विण्णत्तिधीरा-विज्ञप्तिधीराः' सयभना ज्ञान भात्री संतोषी 'हव'ति-भवन्ति' थाय छे. अर्थात् यापूर्व सयभनु અનુષ્ઠાન કરતા નથી. ૧ળા
અન્વયાર્થ–પૂર્વોક્ત પ્રત્યક્ષ જ્ઞાની પાપકર્મની નિંદા કરતા થકા પ્રાણિના ઉપમર્દન (વિરાધના)ની સંભાવનાથી પિતે પાપ-કર્મ કરતા નથી તેમજ બીજા પાસે પાપકર્મ કરાવતા નથી તથા પાપ કર્મ કરવાવાળાની અને