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श्राद्धविषि/६४
ॐ स्नात्र पूजा विधिक प्रातःकाल में सर्वप्रथम पूर्व दिन का निर्माल्य (फूल आदि) उतारना चाहिए। उसके बाद प्रक्षाल करना चाहिए। फिर आरती व मंगलदीप करने चाहिए । यह संक्षिप्त पूजा है।
उसके बाद स्नात्र प्रादि सविस्तृत दूसरी पूजा के प्रारम्भ में प्रभु-समक्ष केसर मिश्रित जल से भरा हुआ कलश रखना चाहिए।
उसके बाद हाथ जोड़कर नियमानुसार बोलना चाहिए-"अलंकार के विकारों से रहित और प्रधान सौम्य कान्ति से मनोहर, सहज रूप से तीन जगत को जीतने वाला यह जिनबिम्ब, हमारा रक्षण करे।"
इतना कहकर प्रभु की देह पर रहे अलंकार उतारने चाहिए। उसके बाद-"उतारे गये हैं फूल और भाभूषण जिसके, सहज स्वभाव से ही मनोहर कान्ति वाला, मज्जन पीठ पर रहा हुआ जिनेश्वर का रूप तुम्हें मोक्ष प्रदान करे।" इतना कहकर निर्माल्य उतारना चाहिए।
उसके बाद कलश से प्रक्षालन तथा पूजा करनी चाहिए।
स्वच्छ व धूप से सुगन्धित कलशों में स्नात्र के योग्य सुगन्धित जल भर कर उन कलशों को पंक्तिबद्ध अच्छे बस्त्र से ढक कर रखना चाहिए।
___ उसके बाद स्वयं के चन्दन से जिन्होंने मस्तक पर तिलक और हाथ में कंकण की आकृति की है तथा अपने ही धूप से अपने हाथों को धूपित किया है, ऐसे पंक्तिबद्ध श्रावक इस प्रकार कुसुमांजलि का पाठ पढ़ते हैं
"कमल, मुचकुद, मालती आदि बहुत प्रकार के पंचवर्णी पुष्पों की कुसमांजलि जिनेश्वर भगवन्त के स्नात्रमहोत्सव समय में प्रसन्न हुए देवता प्रभु को प्रदान करते हैं ।" इस प्रकार कहकर प्रभु के मस्तक पर फूल चढ़ाने चाहिए।
"सुगन्ध से आकृष्ट भ्रमरों के मनोहर गुंजन से संगीतमय बनी हुई जिनेश्वर के चरणों में रखी हुई कुसुमांजलि तुम्हारे पापों को दूर करे।" इस प्रकार के पाठों द्वारा एक श्रावक जिनेश्वर प्रभु के चरणों पर कुसुमांजलि के पुष्प रखे। इस प्रकार प्रत्येक कुसुमांजलि के पाठ में तिलक, फूल, धूप आदि का आडम्बर करना चाहिए।
उसके बाद उदार व मधुर स्वर से मुख्य भगवान के नामोल्लेखपूर्वक जन्माभिषेक कलश का पाठ करना चाहिए। उसके बाद घी, इक्षुरस, दूध, दही व सुगन्धित जल रूप पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए और बीच-बीच में धूप करना चाहिए।
स्नात्र समय में प्रभु का मस्तक खुला न रखें, बल्कि फूलों से ढका रखें।
वादिवेताल श्री शांति सूरिजी ने कहा है-जब तक स्नात्र चलता हो तब तक प्रभु का मस्तक खाली नहीं रहना चाहिए इसलिए उत्तम पुष्प मस्तक पर रखने चाहिए। ऐसा करने से जल की धारा पुष्पों पर पड़ती हुई प्रभु के मस्तक पर पड़ेगी।