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श्राद्धविधि / ९२
(15) मन्दिर में परस्पर विवाद करना । ( 17 ) मन्दिर में किसी से ईर्ष्या करना ।
( 19 ) मन्दिर में केश की शोभा करना । ( 21 ) मन्दिर में छत्र धारण करना ।
( 23 ) मन्दिर में मुकुट रखना ।
( 25 ) मन्दिर में अपने देनदार को पकड़ना ।
( 27 ) मन्दिर में किसी प्रकार की क्रीड़ा करना ।
(29) मन्दिर में मलिन अंग या मलिन वस्त्र से पूजा करना ।
( 31 ) सचित्त वस्तु सहित मन्दिर में प्रवेश करना ।
( 33 ) अखण्ड वस्त्र का उत्तरासन किये बिना मन्दिर में जाना ।
( 35 ) शक्ति होने पर भी प्रभु की
न करना ।
पूजा
( 16 ) मन्दिर में मजाक करना । ( 18 ) मन्दिर में सिंहासन आदि ऊंचे श्रासन पर बैठना ।
(1) मन्दिर में बलगम डालना । ( 3 ) मन्दिर में झगड़ा करना । (5) मन्दिर में कुल्ला करना । (7) मन्दिर में पान का कूचा डालना । * ( 9 ) मन्दिर में लघुनीति- बड़ीनीति
करना ।
( 20 ) मन्दिर में शरीर की शोभा करना । ( 22 ) मन्दिर में तलवार रखना ।
( 24 ) मन्दिर में चामर बींजवाना । ( 26 )
( 36 ) प्रभु को हल्के पुष्प आदि पदार्थ चढ़ाना ।
(37) पूजा करने पर भी अनादर रखना। (38) प्रभु की निन्दा करने वालों को नं रोकना ।
( 39 ) शक्ति होने पर भी देव द्रव्य की ( 40 ) मन्दिर में जूते पहने रखकर चैत्यवन्दन उपेक्षा करना ।
करना ।
( 11 ) मन्दिर में बाल संवारना ।
( 13 ) मन्दिर में अपने घाव का रक्त गिराना ।
मन्दिर में विकारपूर्वक स्त्रियों से हँसी
मजाक करना ।
( 28 ) मन्दिर में मुखकोश बाँधे बिना पूजा
करना ।
( 30 ). चपल चित्त से प्रभु की पूजा करना ।
( 32 ) प्रचित्त आभूषण आदि उतार देना ।
( 34 ) प्रभु - प्रतिमा दिखने पर भी हाथ नहीं जोड़ना ।
5 जिनमन्दिर सम्बन्धी उत्कृष्ट ८४ श्राशातनाएँ फ
(2) मन्दिर में जुना, शतरंज आदि खेलना । ( 4 ) मन्दिर में धनुषकला प्रादि सीखना । ( 6 ) मन्दिर में पान-सुपारी प्रादि खाना । ( 8 ) मन्दिर में किसी को गाली देना । ( 10 ) मन्दिर में हाथ, पैर तथा मुँह आदि धोना ।
(12) मन्दिर में नख काटना ।
( 14 ) मन्दिर में मिठाई आदि खाना ।