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( ३५ )
पैशाची भाषा में और चूलिका - पैशाची भाषा में 'त' कायम रहता है तथा 'द' को भी 'त' हो जाता है' ।
सं०
भगवती
मदन
कन्दर्प
दामोदर
( पालि भाषा में 'द' को 'त' होता है | देखिये -- पा० प्र० पृ०
६०–द=त )
नगर
नाग
जीमूत
पै० - चू० पै०
भगवती
मतन
कंतप्प
तामोतर
चूलिका-पैशाची भाषा में 'ग' को 'क', 'ज' को 'च', और 'ब' को 'प' होता है ।
२
सं०
पै०
गिरितट, गिरितट
नगर
नाग
जीमूत
जज्जर
राजा
जर्जर
राजा
बालक
बर्बर
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बालक
बब्बर
बंधव
चू०
पै०
प्रा०
भगवई
मयण
कंदप
दामोर
किरितट
नकर
नाक
चीमूत
चच्चर
राचा
पालक
पप्पर
पंथव
प्रा०
गिरितड
नगर, नयर
नाग,
नाय
जीमू
जज्जर
राया
बाला
बब्बर
बंधव
बान्धव
कुछ वैयाकरण मानते हैं
कि चूलिका-पैशाची भाषा में आदि में
१. हे० प्रा० व्या० ८ ४ | ३०७, ३२५ | २. हे० प्रा० व्या० ८|४| ३२५ |
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