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नर्मन्
मर्मन्
तमस् तेजस्
उरस्
लिंगविचार कुछ शब्दों के लिंग में जो परिवर्तन होता है वह इस प्रकार है :
जिन शब्दों के अन्त में स् अथवा न हो वे सभी शब्द पुंलिंग में होते हैं।
पु० सं० पु० यशस् जसो जन्मन् जम्मो पयस् पयो
नम्मो तमो
मम्मो तेओ वर्मन् वम्मो
उरो धामन् घामो 'जसो', 'पयो' आदि शब्दों के अन्त में 'ओकार' नर जाति ( पुंलिंग) सूचित करता है। अपवाद :-दामन्-दामं । शर्मन्-सम्मं । चर्मन्-चम्मं । शिरस्-सिरं ।
सुमनस्-सुमणं । प्रावृष-शरद् और तरणि शब्द पुंलिंग में प्रयुक्त होते हैं। प्रावृष्पाउसो। शरद्-सरओ। तरणि-तरणी। 'आँख' अर्थवाले सभी शब्द पुंलिंग में विकल्प से प्रयुक्त होते हैं ।
पुं०
नपुं० अक्षि अक्खी
अक्खि अक्षि अच्छी
সক্তি चक्षु चक्खू
चक्खं
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१. हे० प्रा० व्या० ८।१।३२, ८।१।३१, ८।१।३३, ८.१३४, ८।११३५ ।
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