Book Title: Prakritmargopadeshika
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 459
________________ शब्द पृष्ठांक १८६ । अर्थ पृष्ठांक शब्द अर्थ पादिवआ ३१४ पावग २१० पाडिवया ३१४ पावडण-पाय लागन पाद पावयणप्रवचन १७ पाण १८७, २६२ पावरण-कपड़ा, वस्त्र पाणि २५४, २६२ पावारअओढ़ने का कपड़ा पाणिअ-पानी पावासु-प्रवासी २५४ पाणीअ%, २३, २२७ पावीढ=पावीठा-पैर रखने का ५५ पाणीय= , २२७ पाव (धा०) રહ पाति (सं०) पति-स्वामी १२६ पास १८२, २००, २०२ पाय १७५, २१०, २८२ पासग २४३ पायत्ताण २५७ पासाण પૂ૪ पायय-प्राकृत २०, २६३ पासाय २०० पायवडण=पाय लागन ५५ पासुधूल ६८ पायवीढ=पादपीठ-पावीठा ५५ पाहाण-पाषाण ५४ पायार-प्रचार अथवा प्रकार ५४ पाहुड-भेट-उपहार, पाहुर ४७ पायालपाताल पार-प्राकार-किला ५४, ११७ पिआउय २०१ पारअ=ओढ़ने का कपड़ा ५५ पिआमह पारक-दूसरे का १२० पिउ-पिता २८ पारद्धि=पारधी-शिकारी ५० पिउ (अप०)=प्रिय पारावअ-परेवा पक्षी, कबूतर २१ पिउच्छा-फूआ-पिता की बहिन ८४, ३१४ पारावत १२६ पिउसिआ=पिता की बहिन, फूआ ८४ पारेवअ , २१ पिओत्ति-पिओ इति ६ पारोह-अंकुर १७ पिक्क पका हुआ १८, ५८ पालक (चू० पै०) बालक ३५, ३६ पिच्छ-पक्ष अथवा पीछी १३३, १३४, पाव-पाप ३४, ४०, २१० १८२ १६५ રૂ૫૭ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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